उत्तर प्रदेश में लव ज़िहाद के खिलाफ कानून पास होने के बाद आज लव जिहाद कानून के तहत पहला केस दर्ज किया गया। लव जिहाद के आरोप में बरेली की देवरनिया पुलिस ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी जिहादी घर से फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
दरअसल देवरनिया के गांव शरीफनगर निवासी व्यक्ति ने बताया कि गांव में ही रहने वाले रफीक अहमद का बेटा उवैस अहमद ने पढ़ाई के समय से उनकी लड़की से जान पहचान बना ली थी। पीड़ित ने बताया कि वह अब उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहा है। जबरन धर्म परिवर्तन कराना चाहता है। पीड़िता के मुताबिक उनके व परिवार द्वारा कई बार आरोपी से मना किया जा चुका है। फिर भी वह मानने को राजी नहीं है तथा लगातार दबाव बना रहा है।
आरोप है कि जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने पर आरोपी उवैस अहमद ने जान से मारने की धमकी देते हुए गाली गलौज की। लव जेहाद पर कानून बनने के बाद देवरनिया थाने में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा का पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। इस नए अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा। इस गैर जमानती अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा। दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम 1 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की सजा भुगतनी होगी, साथ ही न्यूनतम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। अगर मामला अवयस्क महिला, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के सम्बन्ध में हुआ तो दोषी को 03 वर्ष से 10 वर्ष तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा।
Deepali Sharma
सम्पादक
खबर प्रवाह
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