May 20, 2024

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नया कानून : किराएदारों और मकान मालिकों के लिए जरुरी खबर सरकार के इस नए कानून के तहत किरायेदारों पर अब धौंस नहीं जमा सकेंगे मकान मालिक।

देश में जल्द ही आदर्श किराया कानून लागू हो जाएगा। हालांकि अभी देश में किराए के घरों और मकानों को लेकर कोई ऐसा कानून नहीं है। ये कानून किराएदार और मकान मालिक दोनों के फायदेमंद साबित होगा। 2011 की जनगणना के अनुसार 1.1 करोड़ घर खाली हैं क्योंकि लोग अपना घर किराए पर देने में हिचकिचाते हैं।

आदर्श किराया कानून के तहत मकान मालिक घर किराए पर देने के लिए किराएदार से सिक्योरिटी डिपॉजिट्स के रूप में दो महीने के किराए से ज्यादा की रकम नहीं मांग सकेगा।किराएदार की निजता का ध्यान रखते हुए एक प्रावधान किया गया है कि कोई भी मकान मालिक बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक घर पर नहीं आ सकेंगे। अगर उन्हें किसी भी काम से किराएदार के मकान पर आना है तो 24 घंटे पहले एडवांस में लिखित नोटिस देना होगा।

वहीं सरकार द्वारा इस कानून में मकान मालिकों के लिए भी कानून तय किया गया है। जिसमें रेंट एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी किराएदार मकान खाली नहीं कर रहा हो, तो मकान मालिक को चार गुना तक रेंट मांगने का अधिकार होगा। अगर किराएदार रेंट एग्रीमेंट के मुताबिक समय सीमा के अंदर मकान या दुकान खाली नहीं करे तो मकान मालिक अगले दो महीने तक उससे दोगुना किराए की मांग कर सकता है और दो महीने के बाद उससे चार गुना किराया वसूलने का अधिकार होगा।

नया कानून लागू होने पर मकान मालिकों का हौसला बढ़ेगा और वे खाली मकानों-दुकानों को बेहिचक किराए पर दे सकेंगे मकान के लिए किराएदार की भी जवाबदेही होगी। प्रॉपर्टी या बिल्डिंग के ढांचे की देखभाल के लिए किरायेदार और मकान मालिक दोनों ही जवाबदेह होंगे। अगर मकान मालिक बिल्डिंग या फ्लैट के ढांचे में कुछ सुधार कराता है तो रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद उसे किराया बढ़ाने की इजाजत होगी लेकिन किराया बढ़ाने से पहले किरायेदार की सहमति लेना भी जरूरी होगा।

हांलाकि कानून केंद्र सरकार बना रही है, लेकिन इसे लागू करना या नहीं करना राज्यों की मर्जी पर है। यह बैक डेट यानी पुरानी तारीख से लागू नहीं किया जा सकेगा। यानि उन मकान मालिकों या दुकान मालिकों को फायदा नहीं मिलेगा जिन्होंने पुराने एग्रीमेंट के हिसाब से कम किराए पर मकान दे रखा है।