December 23, 2024

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गजब- यहां तो पाकिस्तानी महिला को ही बना दिया ग्राम प्रधान देखें पूरी खबर…..

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पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में एक महिला ग्राम प्रधान के खिलाफ एटा ज़िले में गांव का प्रधान बनने के बाद उसके खिलाफ कार्यवाही करने की तैयारी में स्थानीय प्रशासन जुट गया है। इस महिला ग्राम प्रधान के खिलाफ यह कार्यवाही इसीलिए की जा रही है क्योंकि यह महिला पाकिस्तानी है। पाकिस्तानी महिला के ग्राम प्रधान बनाने का मामला संज्ञान में आते ही स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। शिकायत के जरिये पाकिस्तानी महिला के प्रधान होने की जानकारी मिलते ही प्रधान पद से महिला का इस्तीफा मांग लिया गया। वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव को महिला बानो बेगम की पोल खुलने पर एफआईआर लिखने के आदेश दिये हैं। आज तक न्यूज चैनल के द्वारा प्रसारित खबर के अनुसार महिला मूल रूप से पाकिस्तान के कराची की रहने वाली है। करीब 35 साल पहले जलेसर के गांव गुदाऊ के निवासी अख्तर अली से उसका निकाह हुआ था। वह अभी तक लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रही है और उसे भारत की नागरिकता अभी तक नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक बानो बेगम साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत की सदस्य चुनी गई थी, लेकिन बीते वर्ष 9 जनवरी 2020 को ग्राम प्रधान शहनाज बेगम के देहांत होने के बाद उसे सदस्यों ने कार्यवाहक प्रधान चुन लिया था।
वहीं इस महिला के मुताबिक वह अनपढ़ है और उसने कभी भी पंचायत का चुनाव लड़ा ही नहीं। बानो बेगम ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान के देवर अमीर हसन ने उसके फर्जी कागजात तैयार करवाकर उसे प्रधान बनाया। जब अमीर हसन को उन्होंने पैसे देने के कागज पर अंगूठा लगाने से मना कर दिया तब उनकी शिकायत कर दी गई। महिला कहना है कि वो अपने पिता के पासपोर्ट और वीजा पर यहां आई थी। हर बार वह लॉन्ग टर्म वीजा एक्सटेंशन लेकर यहां रहती रही। एक बार भी पाकिस्तान नहीं गई। अब मामला संज्ञान में आने के बाद स्थानीय प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं और आनन-फानन में स्थानीय प्रशासन द्वारा पाकिस्तानी मूल की महिला बानो बेगम के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। उसके आधार कार्ड व अन्य अभिलेख कैसे बने, इसकी जांच की जा रही है। अभिलेख बनवाने में जिन लोगों ने सहयोग किया, उनके खिलाफ भी जांच रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस पूरे मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही का चाबुक चल सकता है और ऐसे में कार्यवाही की गाज गिरनी लगभग तय है।