खबर प्रवाह (10 अक्टूबर, 2022)
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मैदानी तथा पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बारिश अपना कहर बरपा रही है बारिश के चलते रामनगर के कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने से मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बन गया है। सिंचाई विभाग के द्वारा आज ढेला नदी में कोसी बैराज का पानी छोड़े जाने से ढेला नदी उफान आ गई, जिससे ठेला नदी के आसपास रह रहे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सूचना मिलने पर अधिकारियों ने ढेला नदी के किनारे बस्तियों में पहुंचकर जानकारी लेते हुए लोगों से सतर्क रहने को कहा है।
दरअसल पिछले तीन चार दिन से लगातार हो रही बरसात के चलते आज रामनगर कोसी बैराज से 32000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तुमड़िया डैम से आज 23000 क्यूसेक पानी ढेला नदी में छोड़ा गया। नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे लोगों को खतरा पैदा हो गया। ढेला नदी के किनारे बसे ढेला बस्ती, लक्ष्मीपुर पट्टी, बैलजूड़ी, बैंतवाला, नवलपुर, गुलड़िया आदि क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। तुमरिया डाम से ढेला नदी में पानी छोड़े जाने की सूचना पर मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने नदी किनारे की बस्तियों का मौका मुआयना कर लोगों को नदी के पास न जाने की हिदायत देते हुए सुरक्षित स्थान पर जाने की बात कही है। बीते चार दिनों से हो रही बरसात से तुमड़िया डाम का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने पर आज डैम से जहां फीका नदी में सात हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो वहीं ढेला नदी में 23 हजार 363 क्यूसेक लीटर पानी छोड़े जाने से ढेला नदी का जल स्तर बढ़ गया। जिससे ग्राम बैलजूड़ी समेत नवलपुर, गुलड़िया, पक्काकोट स्थित ईदगाह के पीछे बनी कालोनी ढेला बस्ती, लक्ष्मीपुर पट्टी आदि क्षेत्रों में नदी किनारे बसे लोग खतरे की जद में आ गये। इस दौरान एसडीएम अभय प्रताप सिंह, तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट व एसडीओ दीपक शर्मा मौके पर पहुंचे तथा मौका मुआयना किया। इस दौरान अधिकारियों ने लोगों को ढेला नदी के पास न जाने की हिदायत देते हुए उन्हें सतर्क रहने के साथ-साथ सुरक्षित स्थान पर जाने की बात कही। वहीं पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर ने बताया कि नदी में सामान्य से अधिक पानी आने से ही नदी का रूख ढेला बस्ती, रहमत नगर कालोनी, मधुवन नगर, नागेश्वर मंदिर की ओर हो गया है। बाढ़ आने पर इन बस्तियों और मंदिर को खतरा पैदा हो गया है। सूचना पर एसडीएम अभय प्रताप सिंह व तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंच गये। उन्होंने कटाव वाले स्थान पर मिट्टी भरान के निर्देश दिये। सिंचाई विभाग के एसडीओ ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सुबह 10 बजे तक ढेला नदी में 23363 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अभी ढेला नदी में और पानी छोड़े जाने की संभावना है। बताया कि तुमड़िया डैम की क्षमता 857 फ़ीट है और अभी डैम में 843 फ़ीट पानी है। उन्होने बताया कि यदि बरसात नहीं रूकती है तो आने वाले समय में ढेला का जलस्तर और ज्यादा बढ़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ ढेला नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने से धान की खड़ी फसल पूरी तरह डूब गई जिससे कई एकड़ में फैली धान की करने वाले किसानों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है।
Deepali Sharma
सम्पादक
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