उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में 45 साल के पुष्कर सिंह धामी ने सियासी उठापटक के बाद आखिरकार रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बाद सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, डॉ धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य और स्वामी यतिस्वरानंद ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथग्रहण समारोह में खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री धामी की टीम में शपथ देने वाले सभी विधायक पहले भी मंत्रिमंडल में शामिल थे। तीन राज्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया है जिनमें स्वामी यतीश्वरानंद, रेखा आर्य और डॉ. धन सिंह रावत शामिल हैं।
यहां आपको बता दें कि तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद बीते रोज देहरादून में भाजपा विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर सहमति बनी थी लेकिन इसके बाद से सतपाल महाराज के साथ साथ कुछ विधायकों के नाराज होने की खबरें सूत्रों के हवाले से लगातार आ रही थी तो वही शपथ लेने से पहले पुष्कर सिंह धामी मंच से उतरकर वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज से मिलने गए। मुख्यमंत्री बनते ही पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड में आ गए हैं।
शपथ लेने के 3 घंटे बाद ही उन्होंने रात 8:00 बजे कैबिनेट की पहली बैठक बुला ली। कैबिनेट की मीटिंग के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि बैठक में युवाओं और बेरोजगारों के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी कभी उत्तराखंड सरकार में मंत्री नहीं रहे लेकिन अब सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी का काँटों भर ताज उनको मिल गया है। उनके सामने सभी के साथ मिलकर और सबको साथ लेकर 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की नैया पार लगाने की चुनौती होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ था। उनके पिता सैनिक थे। तीन बहनों के बाद घर का अकेला बेटा होने की वजह से परिवार की जिम्मेदारी उन पर हमेशा से ही बनी रही। वह 1990 से 1999 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अलग-अलग पदों पर कार्य कर चुके हैं तो वही 2002 से 2008 तक वह युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे 2010 से 2012 तक शहरी विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे और 2012 में पहली बार विधायक चुने गए उनकी अगुवाई में ही प्रदेश सरकार ने युवाओं को 70% आरक्षण दिलाने में सफलता प्राप्त की थी। धामी को आरएसएस का करीबी माना जाता है।
वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भी नजदीकी रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी 2012 में खटीमा विधानसभा से पहली बार विधायक बने। तब उन्होंने कांग्रेस के देवेंद्र चन्द को 5000 वोटों के अंतर से हराया था। वहीं 2017 में उन्होंने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 3 हजार से कम वोटों अंतर से हराया था।
Deepali Sharma
सम्पादक
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