बीते दो दिन पूर्व भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रदेश भर में 59 सीटों पर घोषित प्रत्याशियों की सूची में काशीपुर विधानसभा सीट से विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र चीमा को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद पार्टी में उठा गुबार आज उस वक़्त ज्वालामुखी बनकर फूट पड़ा जब एक होटल में पार्टी के मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा देते हुए पार्टी से काशीपुर सीट पर टिकट बदलने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने पर सहमति बनी।
आपको बताते चले कि बीते दिनों भाजपा हाईकमान द्वारा स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को काशीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद भाजपा में बड़ी बगावत की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी और वहीं स्थानीय कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक में बगावत का गुबार उठने लगा था। आज इसने बड़ा रूप धारण कर लिया। बाजपुर रोड स्थित गौतमी होटल में पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा, मेयर ऊषा चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष खिलेंद्र चौधरी, प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में बैठक हुई। जिसमें पार्टी हाईकमान के द्वारा प्रत्याशी के तौर पर स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिए जाने का पुरजोर विरोध किया गया। साथ ही प्रत्याशी बदलते हुए किसी भाजपा कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की गई। इसी मांग को लेकर पार्टी के मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा देते हुए पार्टी से काशीपुर सीट पर टिकट बदलने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारने पर सहमति बनी। हालांकि बैठक में अभी यह तय नहीं हो पाया है कि दोनों में से निर्दलीय रूप से चुनाव कौन लड़ेगा। फिलहाल वरिष्ठ भाजपा नेता राम मेहरोत्रा और मेयर ऊषा चौधरी के नाम निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सामने आए हैं। इन दोनों में से किसी एक को असंतुष्ट भाजपाईयों द्वारा चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फेहरिस्त लंबी थी, जिसमें राम मेहरोत्रा, मेयर ऊषा चौधरी, आशीष गुप्ता, गुरविंदर सिंह चंडोक, खिलेंद्र चौधरी समेत 10 लोगों ने दावेदारी की थी। इसके बावजूद जब टिकट की बारी आई तो भाजपा हाईकमान ने अन्य कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज कर त्रिलोक सिंह चीमा को प्रत्याशी घोषित कर दिया। जबकि कार्यकर्ताओं का कहना है पार्टी ने ऐसे व्यक्तित्व को प्रत्याशी बनाया है जिसे कोई जानता ही नहीं है। बहरहाल भाजपा कार्यकर्ताओं की बगावत से पार्टी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। बैठक के बाद भाजपा नेता टिकट निर्णय को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। क्योंकि जिस व्यक्ति को टिकट दिया गया है उसने न कभी पार्टी के लिए काम किया, ना कभी पार्टी के साथ रहा न पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें जानते हैं। शहर के लोग भी उन्हें नहीं जानते हैं। ऐसे में उन्हें टिकट देना गलत है। बैठक में 400 से 500 कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया है। सभी की प्रत्याशी बदलने की मांग है। वहीं दूसरी तरफ पार्टी फैसले से असंतुष्ट काशीपुर नगर निगम की मेयर उषा चौधरी ने कहा कि भाजपा के टिकट वितरण के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश था। कार्यकर्ताओं का कहना था कि टिकट वितरण ठीक नहीं हुआ है। जिसको लेकर बैठक हुई थी। जिसमें रोष प्रकट करते हुए कार्यकर्ताओं ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर अभी कुछ निर्णय नहीं हुआ है। वही फोन पर हुई बातचीत में स्थानीय भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि हमने किसी का विरोध नहीं किया है। यह तो पार्टी की केंद्रीय स्तर पर पॉलीसी थी कि तराई क्षेत्र से विधायक पद के लिए एक सिख को टिकट दिया जाना है। त्रिलोक को जो टिकट मिली है वह केंद्रीय नीति के आधार पर मिली है। चूंकि मैं तराई के क्षेत्र से चार बार लगातार विधायक था। इसलिए मेरे पुत्र त्रिलोक का यह सीट निकालना आसान रहेगा। इस वजह से टिकट दिया। यह सीट शत प्रतिशत निकलेगी।
Deepali Sharma
सम्पादक
खबर प्रवाह
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