December 23, 2024

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यूपी के अमरोहा की शबनम को सजा ए मौत के रूप में 12 साल के बाद मिलेगी उसके किये की सजा।

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भारत के इतिहास में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा मथुरा कारागार में तैयारी शुरू कर दी गयी है। सूत्रों की मानें तो निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी के फंदे पर लटकाने वाले मेरठ के पावन जल्लाद भी मथुरा के फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं। मथुरा जेल प्रशासन भी शबनम के ‘डेथ वारंट’ का इंतजार कर रहा है। सूत्रों की माने तो डेथ वारंट आने के बाद यदि मथुरा जेल प्रशासन पवन जल्लाद से अगर संपर्क करेगा तो वह तत्काल मथुरा के लिए रवाना हो जाएंगे।


दरअसल उत्तर प्रदेश के जिला अमरोहा की रहने वाली शबनम ने ऐसा कुकृत्य किया था जिसे सुनकर अच्छे अच्छे के रौंगटे खड़े हो जाएंगे। सात हत्याकांड से जिला ही नहीं पूरा प्रदेश दहल उठा था। शबनम ने हत्याकांड को अंजाम देते हुए शिक्षक पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीश और रसीद, भाभी अंजुम, भतीजा अर्श, मौसेरी बहन रविया की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। प्रेमी को पाने की चाहत में अपनों के खून से हाथ रंगने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। वहीं, शबनम के संगीन गुनाह को देखते हुए महिला होने के बावजूद राष्ट्रपति भी उसकी अपील को ठुकरा चुके हैं, जिसके बाद मथुरा की जेल में शबनम को फांसी दिए जाने की तैयारी की जा रही है। अब जल्दी ही शबनम और सलीम को फांसी होने वाली है। यह फांसी उत्तर प्रदेश की पहली महिला जेल मथुरा में होगी। आजादी के बाद से यह पहली महिला है, जिसको फांसी लगाई जाएगी। शबनम फिलहाल रामपुर जेल में बंद है और अब कभी भी मथुरा के लिए रवाना हो सकती है। शबनम जुलाई 2019 में ज़िला कारागार मुरादाबाद से ज़िला कारागार रामपुर में स्थानांतरित कर दी गयी थी। फिलहाल शबनम महिला वार्ड बैरक नम्बर 14 में बंद है।