काशीपुर के सहोता मल्टी स्पेशलिटी हाॅस्पिटल की टीम ने छः माह में पैदा हुए कम वजन के नवजात शिशुओं का बेहतर उपचार करने के बाद आज शिशुओं को सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया। अपने बच्चों को बिल्कुल ठीक-ठाक अवस्था में प्राप्त करने के बाद उनके परिजन काफी प्रसन्न दिखाई दिए इस दौरान उन्होंने सहोता हॉस्पिटल के डॉक्टर से उनकी टीम का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान सहोता सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने नवजात शिशु के परिजनों को घर पर ले जाने के बाद उनकी उचित देखभाल करने के उचित टिप्स भी दिए। इन दोनों नवजात शिशु की खास बात यह रही कि इनमें से एक का प्रसव सहोता हॉस्पिटल की संचालिका डॉ नवप्रीत कौर सहोता के द्वारा कराया गया।
काशीपुर में मुरादाबादरोड स्थित सहोता मल्टीस्पेशलिटी एवं न्यूरो ट्रामा सेंटर के प्रबंध निदेशक तथा नवजात एवंशिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. रवि सहोता ने बताया कि रामनगर क्षेत्र के ग्राम ढेला निवासी कुलदीप की 25 वर्षीय पत्नी सुनीता 6माह की गर्भवती को अचानक प्रसव पीडा शुरू हो गयी जिसको परिजनों द्वारा कुछ दिनों पूर्व हाॅस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। इस दौरान स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. नवप्रीत कौर सहोता एवं उनकी टीम ने दवाईयों और अन्य उपचार के माध्यम से महिला का प्रीमेच्योर प्रसव रोकने की काफी कोशिश की गई लेकिन अंत में डा. नवप्रीत कौर ने प्रसव द्वारा अत्यधिक प्रीमेच्योर करीब 6 माह के बच्चे का जन्म कराया।
जिसका जन्म के समय वजन मात्र 800 ग्राम था। जन्म के समय बच्चे के फेफड़ों का विकास नहीं हो पाने के कारण बच्चासांस भी नहीं ले पा रहा था। बच्चे की किडनी और लिवर भी सही ढंग से काम नही कर रहे थे। इस हालात में बच्चे का जीवन खतरे में था। ऐसी स्थिति में उनकेऔर डा. नवप्रीत कौर द्वारा नवजात को एनआईसीयू में भर्ती करके उपचार करने का निर्णय लिया। तीन सप्ताह के उपचारके बाद नवजात अब स्वस्थ है। नवजात को आज घर भेज दिया गया है।
वहीं डा. रवि सहोता ने बताया कि 6 माह की गर्भवती महिला को जब अचानक प्रसवपीड़ा शुरू हुई, जिस पर उसको यहां हाॅस्पिटल में भर्ती किया गया और प्रीमेच्योर डिलीवरी करवाई गई उन्होंने बताया कि इतने कम वजन, कम उम्र के बच्चे में सबसे बड़ी चुनौती उसे विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन से बचाना था। साथ ही उसका वजन बढ़ाना भी जरूरी होता है। अतः उसे एक विशेषप्रकार की मशीन में रखा गया और उसको लगातार आईवी फ्लूड के माध्यम से पोषणप्रदान किया गया। बच्चे की हार्टबीट और सांस लेने का लेवल बहुत ही अप्रत्याशित रूप से कम ज्यादा हो रहा था लेकिन डाॅक्टररवि सहोता और हाॅस्पिटल के संपूर्ण स्टाफ की सजगता एवं समर्पण के कारण सभी पर नियंत्रण पाया जा सका।
21 दिन बाद आज बच्चे का वजन 1 किलो 600 ग्राम पाया गया था अब पूरी तरह से स्वस्थ नवजात की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है। डॉ. रवि ने बताया कि अभी तक उनके द्वारा इस प्रकार के 198 प्रसव करवाये गए हैं। इस दौरान डॉ रवि सहोता ने गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खानपान आदि से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को फास्ट फूड से परहेज करना चाहिए तथा विटामिनों से भरपूर हरी सब्जियां तथा दालों आदि का सेवन अच्छे से करना चाहिए क्योंकि दालों से ही प्रोटीन प्राप्त होता है।
Deepali Sharma
सम्पादक
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