May 8, 2024

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हल्द्वानी में उपद्रवियों से किस तरह घरों में छिपकर पुलिसकर्मियों ने कैसे बचाई जान, देखिये महिला पुलिसकर्मी की आपबीती।

ख़बर प्रवाह (09 फरवरी, 2024)

हल्द्वानी के वनभुलपुरा में बीते रोज मलिक के बगीचे में अवैध रूप से बनाये गए मदरसे और धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान हुए भारी बवाल में अब तक आधा दर्जन के करीब लोगों की मौत हो गयी है जबकि पुलिसकर्मियों, पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों समेत 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। पुलिस के अनुसार उपद्रव में शामिल उपद्रवियों को चिन्हित कर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। वही सुरक्षा को देखते हुए पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है तथा इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। जिले के एसपी और डीएम सहित आल्हा अधिकारी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

दरअसल बीती शाम नगर निगम, प्रशासन और पुलिस फोर्स की संयुक्त टीम मलिक के बगीचे में नजूल भूमि पर बना मदरसा और मस्जिद ध्वस्त करने पहुंची। जैसे ही अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए जेसीबी और नगर निगम कर्मी पहुंचे वैसे ही मुस्लिमों की उग्र भीड़ ने चारों तरफ से घेर लिया और नारेबाजी और धक्कामुक्की शुरू कर दी। पुलिस ने भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन भीड़ नहीं मानी और बवाल होने लगा। भीड़ पुलिस के बैरिकेडिंग तोड़कर घुस गई। पुलिस ने भीड़ को शांत करने के लिए लाठियां फटकारी लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई। जैसे ही जेसीबी ने मदरसा व मस्जिद पर पंजा मारा वैसे ही चारों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को शांत करने के लिए कई राउंड टियर गैस भी छोड़ी लेकिन बवाल बढ़ता गया। जबतक आसपास के थानों से पुलिस फोर्स पहुंचती तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। शाम को हल्का अंधेरा होने पर उग्र भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों, बाइकों और बैरिकेड्स को आग के हवाले कर दिया।

उपद्रव के दौरान अनेक पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है। इलाज के लिए अस्पताल पहुंचीं महिला पुलिसकर्मियों ने घटना को लेकर आपबीती बयां करते हुए कहा कि “हम लोग बहुत ज्यादा बहुत बच कर आए हैं। पथराव होने पर एक घर में हम लोग घुस गए। 15-20 लोग हम अंदर घुसे हुए थे। उसके बाद बाहर से लोगों ने आग लगाने की कोशिश की और पथराव किया। हम बड़ी मुश्किल से छिपकर जान बचाकर आए हैं। इसके बाद मौके पर फोर्स आई। हर गली, छतों से पथराव हो रहा था। हम लोगों ने एक घर में घुसकर फोर्स को लोकेशन दी, तब फोर्स आई। जिस घर में हम थे और जिस व्यक्ति ने हमारी जान बचाई उसके घर दरवाजे तोड़ दिए गए, शीशे तोड़ दिए गए।”