December 22, 2024

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काशीपुर के कृषि विज्ञान केंद्र में किया गया प्राकृतिक खेती के तहत किसान गोष्ठी का आयोजन, देखिये वीडियो।

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ख़बर प्रवाह (26 जनवरी, 2023)

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काशीपुर में आज कृषि विज्ञान केंद्र में प्राकृतिक खेती के तहत किसान गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्विद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान व पूर्व निदेशक डॉ वीके गौड़ मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। जहां पर उपस्थित कुलपति और कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान किया गया।

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आपको बताते चलें कि काशीपुर में बाजपुर रोड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में समय-समय पर किसानों की समस्याओं एवं उनकी फसल की पैदावार बढ़ाने के संबंध में गोष्ठियों का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा किया जाता रहा है। काशीपुर बाजपुर रोड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आज प्राकृतिक खेती एवं इनपुट डीलरों के लिए कृषि विस्तार सेवाओं में डिप्लोमा कोर्स पर आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों के साथ ही किसान एवं कृषि दुकानदारों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से आई डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान वह पूर्व निदेशक डॉ वीके गौड़ ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। ओस दौरान केवीके प्रभारी अधिकारी डॉ जितेंद्र क्वात्रा ने बताया कि कृषि बीज बेचने के लिए डीलरों के पास कम से कम एक साल का डिप्लोमा होना चाहिए। जिससे कृषकों को सही बीज और दवाइयां मिल सकेंगी। पूर्व निदेशक डॉ वीके गौड़ ने बताया कि प्राकृतिक खेती एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा जीवाणु संख्या में बढ़ोतरी कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने प्राकृतिक खेती की शुरुआत थोड़े क्षेत्र से और पूरी तरह जानकारी लेकर सही तरीके से करने पर जोर दिया। मोटे अनाज की खेती के साथ अन्य फसलों की खेती कैसे करें, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान पंतनगर विश्विद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कृषकों को बताया कि हर किसान तक पहुंचने का लक्ष्य है। वक्त के साथ-साथ चलना होगा। जैविक फसल तैयार करने के लिए रसायनों का प्रयोग कम करना होगा। हर कोई पैसा कमाना चाहता है, लेकिन मायने यह रखता है कि हम पैसा कैसे कमा रहे हैं। जैविक खेती करके उसे खाने शरीर भी स्वास्थ्य रहता है। अधिक रसायनों के प्रयोग से स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ता है। क्योंकि, रसायनों के प्रयोग से तैयार फसल में जहर का अंश रहता है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ अजय प्रभाकर ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर केवीके प्रभारी डॉ जितेंद्र क्वात्रा, गन्ना अनुसंधान केंद्र प्रभारी अधिकारी डॉ संजय कुमार, डॉ सिद्धार्थ कश्यप, प्रसारशिक्षा निदेशक डॉ एके शर्मा, पूर्व निदेशक डॉ वीके गौड़, डॉ संजय चौधरी, सहायक प्राध्यापक डॉ अजय प्रभारकर, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ अनिल शर्मा, प्रगतिशील कृषक उत्पादक संगठन सहकारी समिति के अध्यक्ष बलकार सिंह संधू के साथ प्रगतिशील कृषक अखिलेश कुमार, दर्पण ठुकराल, अमित कुमार, प्रदीप कुमार, राहुल अग्रवाल, रवि कुमार, शंकर सिंह, संदीप, राज किरन, सूर्य प्रताप शर्मा, सुरेंद्र पाल गंगवार, सौरभ, पारस मित्तल, नरवीर, श्याम सिंह, सुनील राय, जसवंत कुमार, ललित दूबे, गुरदीप सिंह, सूरज हल्दर, राजपाल सिंह व राजेश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।