December 23, 2024

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जूडिशियल कॉउन्सिल द्वारा ग्रीन वर्ल्ड डे मनाया गया।

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खबर प्रवाह (10 अक्टूबर, 2022)

ग्रीन वर्ल्ड डे 10 अक्टूबर को हर वर्ष मनाया जाता है। ग्रीन वर्ल्ड डे देशभर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, जुडिशल काउंसिल संस्था के विभिन्न पदाधिकारियों ने आम जनता के साथ मिलकर देश के विभिन्न हिस्सों में वृक्षारोपण किया। राजधानी दिल्ली में बरगद, नीम, जामुन, आम, शहतूत करीपत्ता तथा लीची के पेड़ लगाये गए। मानवाधिकारों के संरक्षण तथा उनके हित में लगातार कार्यरत जूडिशियल कॉउन्सिल के डायरेक्टर जनरल राजीव अग्निहोत्री ने कहा कि इस वर्ष की थीम “सेव ट्रीज प्लांट ट्रीज” अर्थात पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ को अमल में लाने की आवयशकता है। ग्रीन वर्ल्ड डे की पूर्व संध्या पर सीनियर एडवोकेट प्रेम प्रकाश वशिष्ठ को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया और उन्होंने जामुन का पेड़ लगाया तथा कहा कि जिस तरह आज बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हुआ है हम सभी की जिम्मेदारी बनती है इसको सुरक्षित भी रखे।
अधिवक्ता वेद प्रकाश ने पपीते का पेड़ लगाया और कहा कि पपीते के पत्ते डेंगू जैसी बीमारियों में लाभदायी हैं इनको ज्यादा से लगाया जाये तो आम नागरिक को फायदा होगा। इस अवसर पर श्री आर ए नय्यर, आर्य मुनि को सम्मानित किया गया एवं डॉ. एस एल सागर को एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया। अग्निहोत्री से जब पुछा गया तो उन्होंने कहा सागर जो रोहिणी दिल्ली में रहते हैं उन्होने पार्क को राजनीतिक नेता के कब्जे से छुड़ाया। उन पर दबाव भी बनाया गया पर उन्होंने किसी भी दबाव की परवाह नही की और उनकी पर्यावरण के प्रति सच्ची निष्ठा, जुझारूपन हम सबके लिए एक प्रेरणा है एक सबक है। डॉ सागर ने जामुन तथा करि पत्ता के पेड़ भरी मात्रा में लगाए और कहा कि जंगलों तथा वृक्षों को कटने से बचाना होगा जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी सरकार को इस तरफ ठोस कदम उठाने होंगे। लगातार पेड़ो की कम होती संख्या भी गहन चिंता का विषय है जिस तरह का मंजर है सरकार को अपनी नीतियों पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा, ‘जिस तेजी से वन कम हो रहे हैं वह दिन दूर नहीं जब हमें ऑक्सीजन सिलिंडर ले के निकलना होगा, अग्निहोत्री के मुताबिक, घटते पेड़ों के आंकड़े डराने वाले हैं। राजीव अग्निहोत्री नें बताया ग्लोबल वार्मिंग जटिल समस्या है, लिहाजा इसे एक वैज्ञानिक परिभाषा मानकर छोड़ दिया जाता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक समाधानों के लिए अमेजन वर्षावन की रक्षा करना आवश्यक है। अमेजन जंगल की कटाई की दर तीन गुना हो गई है जो भयावह है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को लिखे अपने अर्द्ध राजकीय पत्र में उनसे कहा कि अमेजन जंगल को कटने से बचाना उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या देकर जायेंगे यह जरूर सोचा जाये। साथ ही यह भी लिखा ग्रीन वर्ल्ड डे के दिन विशेष वृक्षारोपण अभियान चलाया जाये ज्यादातर लोगों को लगता है कि फिलहाल संसार को इससे कोई खतरा नहीं है। आसान शब्दों में समझें तो ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है ‘पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन’ पृथ्वी के तापमान में हो रही इस वृद्धि के परिणाम स्वरूप बारिश के तरीकों में बदलाव, हिमखण्डों और ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और वनस्पति तथा जन्तु जगत पर प्रभावों के रूप के सामने आ सकते हैं। यह बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है आर्कटिक तीन गुना गर्म हो रहा है इनपे नियंत्रण पाया जा सकता है यदि हम सब इसको कम करने का प्रण लें। श्रीमती नीलम खुराना जिन्होंने बरगद, आम, जामुन लीची इत्यादि पेड़ लगाए ने कहा , ‘ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे को दर्शाने वाले साक्ष्य पहले से तकरीबन दोगुने हो चुके है’। आधुनिकरण के नाम पर पेड़ों का काटा जाना बहुत ही अफ़सोसजनक है। इसका पर्यावरण पर जो असर हो रहा है, उससे सबको अभी से चेतना होगा, धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है और यदि इसे रोका नहीं गया तो जलवायु परिवर्तन से प्राकृतिक आपदायें आना निश्चित है और संकट से उबरना कठिन हो जाएगा। अग्निहोत्री नें बताया एनवायर्नमेंटल जुरीसप्रूडेंस बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। कुछ दिनों में जूडिशियल कॉउन्सिल एनवायर्नमेंटल जुरीसप्रूडेंस को पढ़ाने के लिए स्कूलों में वालंटियर्स भेजेगा । अगर हमें पर्यावरण बचाना है तो विषय को अच्छे से समझना होगा और बच्चों में इसकी अलख जगानी होगी। जूडिशियल कॉउन्सिल शीघ्र अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार का लोकार्पण करेगा तत्पश्चात कुछ महीनों में नामांकन आमंत्रित किये जायेंगे , पर्यावरण क्षेत्र में सबसे ज्यादा श्रेणी होंगी।