December 23, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

केंद्र सरकार ने 67 पोर्न बेबसाइटो को बंद करने के दिये आदेश।

Spread the love

देखिये आदेश

खबर प्रवाह (29 सितम्बर, 2022)

केंद्र सरकार ने आज 67 पोर्न वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देते हुए सरकार ने इंटरनेट कंपनियों को 2021 में जारी नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के उल्लंघन के आरोप में यह आदेश जारी किया है। इंटरनेट कंपनियों को भेजे गए ई-मेल में दूरसंचार विभाग ने कंपनियों से पुणे की एक अदालत के आदेश के आधार पर 63 वेबसाइट, उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश पर इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर चार वेबसाइट को ब्लॉक करने के लिए कहा है। उक्त आदेश प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने अपने ट्विटर पेज पर बताया है।

पोर्न वेबसाइटों के चलते जिस तरह से युवाओं का चरित्र भंग हो रहा है और जिस तरीके से समाज में गंदगी और अश्लीलता फैल गई है उस को ध्यान में रखते हुए आज केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में पोर्न वेबसाइटों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं जैसा कि प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने अपने पेज पर बताया है। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2021 में लागू किए गए नए आईटी नियमों में कहा गया है कि कंपनियां पोर्न जैसी सामाग्री नहीं दिखा सकतीं. नए आईटी नियमों के तहत कंपनियों के लिए ऐसी सामग्री को भी ब्लॉक करना अनिवार्य है. डीओटी द्वारा 24 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है, ‘सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम-2021 के नियम-3(2)(बी) के साथ पढ़े गए (उत्तराखंड हाई कोर्ट के) उक्त आदेश के अनुपालन में और नीचे उल्लेखित वेबसाइट पर उपलब्ध कुछ अश्लील सामग्री को देखते हुए, जो महिलाओं के चरित्र को भंग करती हैं. इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2021 में लागू किए गए नए आईटी नियमों के तहत कंपनियों के लिए उनके द्वारा प्रसारित, संग्रहित या प्रकाशित ऐसी सामग्री तक पहुंच बाधित करना अनिवार्य है, जो किसी व्यक्ति को पूर्ण या आंशिक रूप से निर्वस्त्र दिखाती है या फिर उसे यौन कृत्य या आचरण में लिप्त दर्शाती है. नए आईटी नियमों के तहत कंपनियों के लिए ऐसी सामग्री को भी ब्लॉक करना अनिवार्य है. इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन वेबसाइट/यूआरएल को तत्काल ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है.

इस तरह की वेबसाइटों को बैन करने के साथी साथ इनके संचालकों पर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि समाज में खासतौर से युवाओं और नाबालिग बच्चों के मन में जिस प्रकार का गंदा जहर घुल रहा है उस पर अंकुश लगाया जा सके।