December 23, 2024

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रेलवे ने शुरू की स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए यह योजना, देखें वीडियो।

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रेलवे विभाग के द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के मकसद से एक नई योजना शुरू की है जिसके तहत अब स्थानीय लोग अब रेलवे स्टेशनों पर भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए “एक स्टेशन एक उत्पाद” योजना शुरू की है। इससे स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मिलने के साथ ही विभाग के राजस्व में भी बढोत्तरी होगी।

दरअसल रेलवे बोर्ड के निर्देश पर रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद योजना शुरू की है। पहले चरण में काशीपुर और रामनगर रेलवे स्टेशन पर प्रसिद्ध बाल मिठाई की विक्रय की गई। इसके लिए रेलवे ने विक्रेता से एक हजार रूपये मासिक शुल्क लिया है। इस योजना के तहत हर उत्पादक को 15 दिन के लिए ट्रायल तौर पर खोला गया है। सफलता मिलने पर विक्रेता से अनुबंध हो सकेगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही क्षेत्र की प्रसिद्ध वस्तुओं, हस्तशिल्प, हथकरघा, पारंपरिक शिल्प आदि को बढावा मिलेगा। इससे रेलवे के राजस्व में भी बढोत्तरी होगी। रेलवे के मुताबिक देहरादून, हरिद्वार, योगनगरी ऋषिकेश, वीरभद्र, रुड़की, लक्सर, ज्वालापुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, कटघर, अमरोहा, बसी-किरतपुर, हापुड़, पिलखुआ, बरेली, आवंला, आंझी शाहबाद, सीतापुर सिटी,

शाहजहांपुर, पीतांबरपुर, मीरानपुर कटरा, बालामऊ, संडीला, नैमिषारण्य, मिश्रिख तीर्थ, हरदोई और सफीपुर स्टेशनों पर स्टाल लगाए गए हैं। रेलवे स्टेशन के मुख्य वाणिज्य निरीक्षक अजय चौधरी ने बताया कि काशीपुर-रामनगर में बाल मिठाई, मुरादाबाद में पीतल के बने उत्पाद, मथुरा में पेड़ा, आगरा में पेठा, बरेली में सुरमा, हरदोई स्टेशन पर खादी एवं हैंडलूम उत्पाद, सफीपुर स्टेशन पर मिट्टी के खिलौने, देहरादून में उत्तराखंडी टोपी (ब्रह्मकमल टोपी), हरिद्वार स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, वूलन उत्पाद और शहद की बिक्री की शुरुआत की गई है। काशीपुर तथा रामनगर रेलवे स्टेशनों पर बाल मिठाई की बिक्री कम की वजह से दोनों ही स्थानों के रेलवे स्टेशनों पर छोले आदि की ठेली लगाई गई हैं।

योजना का उद्देश्य क्षेत्र की प्रसिद्ध वस्तुओं, हस्तशिल्प कलाकृतियों, पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर सृजित करना है। 15 दिन तक उत्पाद की बिक्री का आंकलन किया जाएगा। बिक्री ठीक होने पर विक्रेता से लंबे समय के लिए अनुबंध किया जा सकेगा। स्टॉल शुरू करने के लिए विक्रेता को मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र देना होगा।

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के पीतल के लिए मशहूर जिला मुरादाबाद के रेलवे स्टेशन पर पीतल के उत्पादों की बिक्री करने वाले इलियास साबरी ने भारत सरकार तथा भारतीय रेलवे को धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि रेलवे की वजह से दूरदराज क्षेत्रों के ट्रेनों से आवागमन करने वाले लोगों के द्वारा उनकी कला को पसंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास पास है वह ₹100 से लेकर 750 रुपये तक के हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने तथा भारत सरकार ने इस योजना के माध्यम से कलाकारों की कला को उभारा है।