December 23, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

शिकायत और मानकों की कमी पाए जाने पर काशीपुर का मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सील

Spread the love

काशीपुर में नार्मल डिलीवरी का झांसा देकर एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने प्रसूता के गुप्तांग में ‌कट लगाकर जबरन प्रसव कराने का प्रयास किया। इससे महिला की हालत बिगड़ गई थी। उसके बाद गंभीरावस्था में प्रसूता को एक दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से मृत ‌‌शिशु को बाहर निकाला था। उक्त मामले में पीड़िता के परिजनों ने इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीएमओ डॉ.हरेंद्र मलिक को जांच करने के लिए भेजा गया। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर उक्त निजी अस्पताल को सील कर दिया गया।

कचनालगाजी गड्ढा कालोनी निवासी मुस्तकीम ने आईटीआई थाना पुलिस व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि बीती 11 जून की दोपहर उसने अपनी गर्भवती पत्नी खुशनुमा को जसपुर खुर्द स्थित मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने उसकी नार्मल डिलीवरी कराने का आश्वासन देकर सात हजार रुपये की रकम जमा करा ली थी। अचानक उसने बड़ा ऑपरेशन करने की बात कहते हुए 50 हजार रुपये का खर्च बताया। जबकि उसने ऑपरेशन कराने के लिए मना कर दिया। इस दौरान वह अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी से मिला तो खुशनुमा दर्द से कराह रही थी। पूछने पर बताया कि नार्मल डिलीवरी कराने के लिए उसके गुप्तांग पर कट लगा दिया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर ने उसके साथ अभद्रता भी की। उसके बाद हालत बिगड़ने पर पीड़िता को मुरादाबाद रोड स्थित ‌एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से मृत शिशु को बाहर निकाला। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनीता रतूड़ी ने एसीएमओ डॉ. हरेंद्र मलिक को जांच सौंप दी। शनिवार को एसीएमओ डॉ. हरेंद्र मलिक ने नायब तहसीलदार बीसी आर्य व आईटीआई थाना के एसआई प्रदीप भट्ट के साथ जसपुर खुर्द स्थित 12 बैड के मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जांच की। प्रथम जांच में उक्त अस्पताल का रजिस्ट्रेशन ही गलत पाया गया। डॉ. मलिक ने बताया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मैक्स हॉस्पिटल और डॉक्टर का नाम डॉ. अर्जुन सिंह के नाम से है। जबकि मौके पर अस्पताल का नाम मैक्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल नाम से बोर्ड लगा पाया गया। वहीं अस्पताल में स्टाफ भी 12वीं पास ही मिला। साथ ही अस्पताल में मौके पर हॉस्पिटल के स्वामी इदरीश हक मिले। इसके अलावा अस्पताल में महिला डॉक्टर व अन्य कोई दक्ष डॉक्टर नहीं मिला। वहीं जांच में जिस डॉक्टर के नाम से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन था वह मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हैं। जिन्हें टीम ने फोन कर अस्पताल बुलाया। इसके अलावा अस्पताल का ओटी रूम, आईसीयू व अस्पताल में लगे सभी बैड मानकों के विपरीत थे। वहीं जांच अधिकारी डॉ. मलिक ने मौके पर पीड़िता व उसके परिजनों को बुलाकर बयान दर्ज किए। जिसके बाद टीम ने अस्पताल को सील कर दिया।