काशीपुर में बीते रोज मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर पंडा आवास से चैती मंदिर पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चैती मंदिर तथा खोखरा मंदिर उमड़ पड़ी है। इस दौरान काशीपुर के स्थानीय तथा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से आये लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने खोखरा देवी तथा मां बाल सुंदरी देवी के मंदिर में पहुंच कर प्रसाद चढ़ाया तथा मन्नत मांगी।
आपको बताते चलें कि काशीपुर के मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के प्रांगण में लगने वाला चैती मेला उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेलों में शुमार है। मेले की तैयारियों को लेकर एक माह पूर्व से ही प्रशासन सतर्क हो जाता है। इस मेले में जहां काशीपुर के साथ-साथ अन्य राज्यों के दूरदराज क्षेत्रों से श्रद्धालु मां के दरबार में प्रसाद चढ़ाने आते हैं। पिछले 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते इस मेले का आयोजन नहीं हो पाया था लिहाजा इस बार मेले में काफी भीड़ उमड़ने की उम्मीद स्थानीय प्रशासन तथा पंडा परिवार के द्वारा जताई गई थी। वही उनकी उम्मीद से कहीं ज्यादा भी इस बार खोखरा मन्दिर तथा मां बाल सुंदरी देवी मंदिर पर देखने को मिल रही है। दोनों ही मंदिरों पर बीते रोज मां बाल सुंदरी देवी का डोला मंदिर भवन में पहुंचने के बाद से 2 दिनों के भीतर लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने के लिए उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं के मुताबिक बीते 2 वर्षों से वह कोरोना संक्रमण के चलते यहां नहीं आ पाए थे इस बार उन्हें मां के दरबार में आकर बहुत ही खुशी प्राप्त हो रही है। खोखरा मंदिर के पुजारी पुलकित गोस्वामी के मुताबिक आज रामनवमी के मौके पर श्रद्धालुओं को मां के अच्छे दर्शन हुए हैं। काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। उनके मुताबिक मां खोखरा देवी और मां बाल सुंदरी देवी का आपस में सास बहू का रिश्ता है। इनमें मां बाल सुंदरी देवी मां खोखरा देवी की सास हैं। मान्यता है कि मां खोखरा देवी अपने पति अभिमन्यु के साथ सती हो गई थी। इसीलिए सबसे पहले इनकी पूजा का विधान है। खोखरा मंदिर पर पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने के बाद श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में पूजा करने और माथा टेकने जाते हैं। श्रद्धालुओं के मुताबिक बच्चे होने तथा शादी होने के बाद वर-वधू जोड़े से यहां खोखरा मंदिर पर तथा मां बाल सुंदरी देवी मंदिर पूजा करने आते हैं। मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के प्रधान पंडा वंश गोपाल विद्यापति अग्निहोत्री के मुताबिक 2 दिनों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दरबार में प्रसाद चढ़ाने पहुंचे। इस दौरान दोनों ही मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम रहे। काशीपुर पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने बताया कि दोनों ही मंदिरों का आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना ना करना पड़े इसके लिए दोनों ही स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स की व्यवस्था की गई है।
Deepali Sharma
सम्पादक
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