December 23, 2024

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महिला होल्यारों ने बैठकी होली में मचाया धमाल, जमकर थिरकीं, देखें वीडियो।

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होली के रंग में अब सभी सराबोर हैं तो ऐसे में होली का खुमार अपने पूरे शबाब पर है ! जैसे जैसे होली का त्यौहार नज़दीक आ रहा है वैसे वैसे लोगों पर होली का खुमार चढ़ने लगा है। जगह जगह बैठकी होली के साथ साथ खड़ी होली का खुमार भी होल्यारों के सर चढ़कर बोलने लगा है।

पूरे उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र से लेकर तराई तक समूचा प्रदेश इस समय आने वाले रंगों के पर्व होली में सराबोर है। तराई के काशीपुर में बैठकी होली की धूम मची हुयी है। फाल्गुन का महीना लगने के साथ ही जहां लोग रंगों के पर्व होली को मनाने की जुगत में लग जाते हैं तो वहीं कुमाऊॅ में एक अलग विधा की होली भी मनायी जाती है जिसे कि बैठकी होली भी कहा जाता है। काशीपुर बैठकी होली की बयार में बह रहा है। आजकल की चकाचौंध भरी दुनिया में जब लोग अपनी संस्कृति और संस्कार भूलते जा रहे हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी भी तरह से अपनी संस्कृति और संस्कारों को संजोने में जुटे हुए हैं।

दरअसल होली एक ऐसा त्यौहार है जिसको सभी जगह लोग अपने अपने ढंग से मनाते हैं। होली का एक ऐसा ही रुप है। बैठकी होली और इसके बाद खड़ी होली। बैठकी होली की धूम आजकल उत्तराखंड के कुमाऊॅ में देखी जा सकती है ! घरों में भी लोगों में बैठकी होली की खुमारी जमकर चढी हुई है। क्या पुरुष और क्या महिला सब होली की खुमारी में बह चले हैं। देर शाम से शुरू हुई इस बैठकी होली में होल्यारों ने विभिन्न रागों में ढोलक की थाप, मंजीरे और चिमटे पर होली गायन किया। बैठकी होली बसंत पंचमी से शुरू होती है जबकि एकादशी के बाद खड़ी होली मनाई जाती है ! राधा कृष्ण, शिव पार्वती होली के गीत गाये जाते हैं। शिव रात्रि के बाद शुरू होने वाली बैठकी होली में राग पीलू समेत राग भैरवी आदि शैली में होली गयी जाती है।

आपको बताते चलें कि काशीपुर तथा आसपास के समूचे क्षेत्र में इन दिनों कुमाऊंनी बैठकी होली की धूम है। होल्यार होली के रंग में डूबे हैं। जगह-जगह रंग-अबीर-गुलाल उड़ा कर होली का उल्लास बढ़ाया जा रहा है। इसी के तहत काशीपुर में जगह जगह घरों में महिलाओं के द्वारा बैठकी होली के द्वारा धूम मचाई जा रही है। इस के तहत काशीपुर में गिरीताल के निकट स्थित दुर्गा कॉलोनी में परमानंद डुंगराकोटि के आवास पर आयोजित कुमाऊंनी बैठकी होली में महिलाओं ने ढोलक की थाप व मंजीरों पर गीत गायन करने के साथ ही नृत्य कर होली मनाई। इस दौरान हिंदी व कुमाऊंनी भाषा में होली गीत गायन कर महिलाओं ने समां बांध दिया। कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं ने एक दूसरे को रंग-अबीर-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। याद रहे कि आज रंग की एकादशी है।

रंग की इस एकादशी को कुमाऊंनी बैठकी होली का विशेष महत्व है। इस दौरान महिला होल्यारों ने कान्हा जिद न करो, होली खेल रहे हैं राजा दशरथ के वीर, होली खेली शिव जाके जट में विराजे रंग, अबीर ले आओ गुलाल ले आओ, आज गुलाल मलूँगी मैं उनके नामक गीत गाकर माहौल होलीमय कर दिया। कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती भावना खनुलिया ने बताया कि होली का त्योहार आपसी प्रेम व भाईचारे का त्यौहार है। इस त्यौहार में एक दूसरे को लगाया गया रंग भाईचारे को प्रदर्शित करता है।

उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के लोगों को इस त्यौहार को आपसी प्रेम व सौहार्दपूर्वक मनाना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर होली से संबंधित गुजिया व अन्य पकवान एक-दूसरे को खिलाते हुए सभी के उज्जवल भविष्य एवं होली पर्व के शांतिपूर्वक संपन्न होने की कामना की गई। इस अवसर पर अनीता डुंगराकोटी, हेमलता बिष्ट, मीनाक्षी भारद्वाज, आशा जोशी, शुभ्रा शर्मा, चंद्रा पांडे, उमा जोशी, माला कांडपाल, आशा पाठक, चन्द्रा मठपाल और पार्वती सुंदरियाल आदि तमाम महिलाएं थीं।