December 23, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देशों को युद्ध से बचना चाहिए- सन्त उमाकान्त जी महाराज

Spread the love

पूर्व में भी महाराज जी कर चुके हैं आगाह

जब गृह युद्ध में नहीं बचते तो विश्व युद्ध में कौन बचेगा

पूरी मानवता के सच्चे हितैषी, आगामी संकटों से सबको आगाह करने वाले और बचने के उपाय भी बताने वाले इस समय के महापुरुष, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 1 अक्टूबर 2020 को उज्जैन आश्रम से दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम चैनल पर प्रसारित संदेश में कहा कि मैं बराबर कहता रहता हूं- युद्ध से बचे पूरा देश और भारत ही नहीं, विश्व के जितने भी देश हैं, सबको युद्ध टालना चाहिए।

युद्ध के समय कई अधिकार खत्म हो जाते हैं

अगर कहीं लड़ाई हो गई तो सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी। आपका सारा अधिकार, स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। जैसे यदि कह दिया कि सड़क खाली कर दो, सड़क पर कोई जाएगा नहीं, इस पर सिर्फ फौज जाएगी तो आपको कोई चलने देगा? रोक दिए जाओगे।

ब्लैकआउट हुआ तो बिजली-पानी की समस्याएं

कितना भी लाइट लगवा लो, अपने कोठी-मकान पर सजावट करवा लो लेकिन अगर ब्लैकआउट का आदेश हो गया कि कोई लाइट नहीं जलाएगा तो अंधेरे में ही आपको रहना पड़ेगा। यदि बिजली काट दी गई या फेल हो गई या लाइन टूट गई तो पानी पी नहीं पाओगे। अब तो कुओं, तालाबों को लोगों ने बंद करवा दिया तो कोई ध्यान नहीं है कि तब पानी कहां से मिलेगा।

जब अन्न नहीं मिलेगा तो कितने दिन तक आदमी जिंदा रहेगा, वहीं खत्म हो जाएगा

80-90-100 से ज्यादा मंजिल के मकान बने हुए हैं। कोई सीढ़ी से आ-जा सकता है? जो जहां है वहीं लटका रह जाएगा। जैसे रास्ते में बिजली के तारों से पक्षी लटके रह जाते हैं। बगैर पानी-अन्न के कितने दिन तक जिंदा रह सकते हो? कमजोर शरीर उतरते-उतरते सीढ़ी पर ही गिर जाएगा, वहीं खत्म हो जाएगा। यदि बम गिर गया, धरती फट गई, रास्ता बंद हो गया तो गांव, शहर कहीं भी आ-जा नहीं पाओगे।

लोगों ने जिस पैसा को कमाने के लिए ईमान बेच दिया, कोई गारंटी है कि इमरजेंसी में वो पैसा आपको मिल जाएगा?

जितनी भी रुपया पैसा संपत्ति है, जिसको अपना कहते हो, जिसके लिए दूसरे को धोखा देते हो, चोरी बेईमानी करते हो, ईमान को खत्म कर देते हो, बेच देते हो, पाप कर डालते हो वो पैसा-रूपया भी बैंक का, इमरजेंसी जब लगती है, तब मिलने की गारंटी नहीं रहती है। यदि पैसे की कमी हो गई, खर्चा ज्यादा हो गया, नुकसान हो गया तो एफ डी की अवधि बढ़ा कर कागज आपको दे देंगे लेकिन हाथ में कुछ आएगा? कुछ नहीं आएगा।

इसलिए कहा जाता है कि भाई बुरा कर्म मत करो। जिसकी वजह से सजा भोगना पड़े, लड़ाई झगड़ा दंगा फसाद यह कर्मों की सजा ही है। इनसे बचो।

विश्व युद्ध के संकट के बारे में महाराज जी कई बार कर चुके हैं आगाह

22 नवंबर 2020 को भी महाराज जी ने उज्जैन आश्रम में दिए संदेश में बताया कि आगे का समय भारत, पूरे विश्व के लोगों के लिए अच्छा नहीं है। आप अगर समाचार देखते हो तो देखो बहुत से देश, बहुत से देश को चलाने वाले, देश के लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं। उनको आभास हो गया है कि हमारी जिंदगी इस समय तलवार पर चलने की तरह से है। बारूद के ढेर पर हम खड़े हैं। कभी भी हम खत्म हो सकते हैं। जैसे इस समय पर कुछ देश की सीमाओं पर जो फौजें लगी हुई है उसका कुछ भरोसा नहीं है कि इस जगह को छोड़कर के हम वापिस अपने बच्चों, परिवार के बीच में जा पाएंगे, ठाठ-बाठ और हाट-बाजार हम कभी देख पाएंगे।

जब गृह युद्ध में नहीं बचते तो विश्व युद्ध में कौन बचेगा

ऐसे ही हाल कुछ देश के लोगों का भी हो रहा है। इस वक्त पर जो युद्ध का माहौल तैयार हो रहा है कि सक्षम सबल देशों में अगर लड़ाइयां शुरू हुई, इन्होंने अपनी अगर प्रेस्टीज का मुद्दा बनाया तो छोटी लड़ाई, बड़ी लड़ाई बन जाएगी फिर विश्व युद्ध बन जाएगा। उसमें कौन बचेगा, कौन रहेगा? जब छोटे युद्ध, ग्रह युद्ध में, जब घर के लड़ाई में नहीं बचते हैं, भाई-भाई को, बाप-बेटे को, पत्नी-पति को, पति-पत्नी को मार देता है। जब चारों तरफ लड़ाई का माहौल हो जाएगा तो यह धन, दौलत, पुत्र, परिवार, मान, प्रतिष्ठा, आप जो पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी लोग हो, सोचो, किसी का रह जाएगा, किसी के काम आएगा? किसी का नहीं।

इस समय अपनी और दूसरों की भी जान बचाने का, सोचने, समझने का अवसर मिला है

इस समय पर जरूरत है कि आप जगो, समझो, लोगों को जगाओ-समझाओ, अपनी और दूसरों की भी जान बचाओ। अभी विचार करने, सोचने का अवसर आपको मिला है। जैसे खेत सूखने के बाद बरसात का कोई फायदा नहीं। ऐसे ही जब समय निकल जाएगा फिर पछताने से कुछ नहीं होगा। समय पर चेतो, समझो, जानो, बातों को, रास्ते को पकड़ो और रास्ते पर चलो।