उत्तराखंड पुलिस की लापरवाही भरी कार्यप्रणाली का एक नमूना उस वक्त सामने आया, जब सेना के एक हवलदार को साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुणे (महाराष्ट्र) पुलिस का सहारा लेना पड़ा। हद तो तब हो गई जब शासन स्तर पर बीजेपी कार्यालय तक लिखा पढ़ी होने के बावजूद भी उत्तराखंड में उसकी शिकायत अभी तक दर्ज नहीं हो सकी।
दरअसल काशीपुर आईटीआई थाना क्षेत्र के ग्राम बरखेड़ा पांडे का रहने वाला नीरज कुमार पुणे (महाराष्ट्र) में खड़की कैंट में हवलदार के पद पर तैनात है, जबकि काशीपुर की एसबीआई की शाखा में उसका खाता है। बीते वर्ष 24 अप्रैल को नीरज ने पुणे से उत्तराखंड आने के लिए पीयूआई इंडिया से एयर टिकट बुक कराया था, उसके बाद 26 जून को उसे यह टिकट किसी कारणवश निरस्त करवाना पड़ा। उसके बाद उसके मोबाइल पर गो एयरलाइन से एक ओटीपी आया तथा टिकट की कीमत वापस लौटाने के लिए कॉलर ने एक कॉल के माध्यम से उससे ओटीपी मांगा। इसके बाद उसके खाते से 18 जुलाई को 4000, 24,400, 1,01,768 औऱ 102000 रुपये साइबर ठगों ने निकाल लिए। हवलदार नीरज ने विमानन कंपनी को भी क्षतिपूर्ति का नोटिस भेजा है तो वहीं उसने आरबीआई के गवर्नर, एसबीआई के चेयरमैन, साइबर सेल उत्तराखंड, साइबर सेल महाराष्ट्र को भी इससे अवगत कराया। जिसके बाद उत्तराखंड शासन के अनुसचिव ज्योतिर्मय त्रिपाठी ने 1 अक्टूबर 2021 को उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी को पत्र लिखा लेकिन बावजूद उत्तराखंड पुलिस ने हवलदार नीरज का मुकदमा दर्ज नहीं किया। वही कुल मिलाकर उत्तराखंड पुलिस के लिए शर्म की बात यह रही कि महाराष्ट्र साइबर सेल के पुणे थाने में तहरीर के आधार पर नीरज का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अब हवलदार नीरज ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखकर काशीपुर शाखा से उसकी निकाली गई रकम को वापस दिलाने की गुहार लगाई है और आज भी नीरज न्याय की आस लगाये हुए है।
Deepali Sharma
सम्पादक
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