December 23, 2024

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सूर्या रोशनी लिमिटेड के चेयरमैन “पद्म श्री पुरस्कार” से सम्मानित होने से हर्ष की लहर

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सूर्या रोशनी लिमिटेड के चेयरमैन जयप्रकाश अग्रवाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा “पद्म श्री” पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर सूर्या परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने चेयरमैन जयप्रकाश को इस पुरस्कार के लिए शुभकामनाएं दी।

आपको बताते चलें कि सूर्या रोशनी लिमिटेड के चेयरमैन व हरियाणा (हिसार) के मूल निवासी जयप्रकाश अग्रवाल को सोमवार को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रतिष्ठित “पद्म श्री” पुरस्कार से सम्मानित किया। जयप्रकाश अग्रवाल को “पद्म श्री” पुरस्कार मिलने पर पूरे सूर्या परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई, सभी ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य व दीर्घायु की कामना की। पद्म श्री जयप्रकाश अग्रवाल सूर्या रोशनी लिमिटेड के चेयरमैन और सूर्या फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक, व स्वामी विवेकानंद के विचारों और जीवन से प्रभावित हुए और समाज सेवा के क्षेत्र में आगे आए। वह स्वामी विवेकानंद के इस कथन से प्रेरित हैं कि “मुझे 100 ऊर्जावान युवा दो, मैं भारत को बदल दूंगा”। वह भारत के युवाओं के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और उनमें कार्यकुशलता के गुण को विकसित कर रहे हैं ताकि वह अपने परिवार, गांव, शहर के लिए जिम्मेदार बनें।
उन्होंने कोरोना काल के दौरान सूर्य रोशनी लिमिटेड के परिसर में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया ताकि जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन देकर इस कोरोना काल में मदद की जा सके। इसके अलावा उन्होंने बड़ी संख्या में सूर्या के डीलर्स व रिटेलर्स को जरूरतमंदों की मदद करने के लिए उत्साहित और प्रेरित किया। वह प्राकृतिक चिकित्सा और योग के प्रबल समर्थक और अनुयायी है और महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने भारत के प्रत्येक गाँव में प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन (आईएनओ) की स्थापना की। वर्तमान में जयप्रकाश राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विकास एवं संवंर्धन बोर्ड, आयुष मंत्रालय के सदस्य हैं। “पद्म श्री” अग्रवाल द्वारा स्थापित सूर्या फाउंडेशन राष्ट्रीय विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए युवा विकास, आदर्श ग्राम परियोजनाओं, प्राकृतिक चिकित्सा और योग के विकास, शिक्षा और थिंक टैंक के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। उन्होंने अपने सभी कर्मचारियों को अपने परिवार के रूप में माना और उनके साथ पूरी गरिमा और सम्मान के साथ व्यवहार किया। वह समाज के प्रति अपनी निस्वार्थ सेवा-भावना के अनुरूप जरूरतमंद और गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति और विभिन्न सामाजिक सेवा संगठनों को दान के रूप में अनेक धर्मार्थ कार्यों में अपना योगदान प्रदान करते रहते हैं।