December 23, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

घर से निकली बारात नहीं पहुंची दुल्हन के घर, जानें कैसे फिर भी हो गयी शादी।

Spread the love

उत्तराखंड में पर्वतीय जिलों में बारिश ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है। जगह जगह मलबा और भूस्खलन की वजह से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यह आफत की बारिश किस तरह लोगों के लिए मुसीबत बन रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सडक बंद होने के कारण दुल्हन लेने गयी बारात दुल्हन के घर ही नहीं पहुंच पाई। मामला बीते शुक्रवार का है जब सुबह मदनी-चंद्रापुरी रुद्रप्रयाग से चमोली के नारायणबगड़ के भुल्याड़ा (कौब) गांव के लिए एक बारात गांव गई। बरात गयी तो थी दुल्हन लेने, शाम को वापस लौटना था, लेकिन रास्ते में दो जगहों पर हाइवे बंद होने से शनिवार को भी बारात भुल्याड़ा दुल्हन के गांव नहीं पहुंच पाई। बरातियों ने वाहनों में ही भूखे-प्यासे रात गुजारी और शनिवार दोपहर बाद एक तरफ हाइवे खुलने पर कर्णप्रयाग लौट आए। देर शाम दूसरी ओर से भी हाइवे खुल गया तो भुल्याड़ा से दुल्हन को लेकर 10-12 परिजन 19 किलोमीटर पैदल चलकर कर्णप्रयाग पहुंचे और फिर वहीं शादी की रश्में संपन्न कराई गयी।

दरअसल भुल्याड़ा निवासी सुपिया लाल की बेटी कविता की शादी मदनी-चंद्रापुरी निवासी गोकुल लाल के पुत्र चंद्रशेखर के साथ तय थी। अगस्त्यमुनि से बारात शुक्रवार सुबह भुल्याड़ा के लिए रवाना हुई। लेकिन, इसी बीच कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाइवे भारी भूस्खलन के कारण आमसौड़ में बंद हो गया। यहां से भुल्याड़ा की दूरी 19 किमी है। यह स्थिति देख दूल्हे को पैदल ही भुल्याड़ा भेजने की रणनीति बनी, लेकिन आमसौड़ के पास हाइवे पर एक भारी-भरकम चट्टान ने राह रोक ली। यहां पहाड़ी से लगातार पत्थर भी गिर रहे थे। कौब के प्रधान लक्ष्मण कुमार ने बताया कि बरातियों को शाम तक हाइवे खुलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया।इस बीच आमसौड़ से पांच किमी दूर कर्णप्रयाग की ओर शिव मंदिर के पास भी भूस्खलन होने से हाइवे बंद हो गया। ऐसे में बराती कर्णप्रयाग भी नहीं लौट पाए और उन्होंने वहीं जंगल के बीच वाहनों में ही रात गुजारी। इतना ही नहीं शनिवार को भी दोपहर तक हाइवे नहीं खुल पाया। बारात फंसने की जानकारी मिलने पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और शाम तक सभी बरातियों को सुरक्षित कर्णप्रयाग पहुंचा दिया गया। साथ ही उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। उन्होंने यह भी बताया कि देर शाम पगडंडी मार्ग से दुल्हन भी स्वजन के साथ कर्णप्रयाग पहुंच गई थी। बाद में कर्णप्रयाग में शादी सम्पन्न कराई गई।