काशीपुर में माँ बाल सुंदरी देवी का डोला पूरे विधिविधान और परंपराओं के निर्वहन और कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए पुलिस के वाहन में देर रात्रि माँ बाल सुंदरी देवी चैती मंदिर से चलकर नगर के मोहल्ला पक्ककोट स्थित नगर मंदिर पहुंच गया।
आपको बताते चलें कि बीते वर्ष कोरोना नामक वैश्विक महामारी के चलते काशीपुर के मां बाल सुंदरी देवी शक्तिपीठ प्रांगण में लगने वाला उत्तर भारत का ऐतिहासिक चैती मेला जिला प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा लॉक डाउन के चलते स्थगित कर दिया गया था तो वही इस बार बीते 13 अप्रैल को चैत्र मास के पहले नवरात्रि को कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के द्वारा चैती मेले का ध्वजारोहण कर विधिवत शुभारंभ कर दिया गया था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के तेजी से बढ़ते प्रकोप के चलते एक बार फिर ऐतिहासिक चैती मेला स्थगित कर दिया गया लेकिन मां बाल सुंदरी देवी का डोला परंपराओं के पूर्ण निर्वहन और कोरोना की गाइडलाइन के का पालन करते हुए पुलिस के वाहन में बीते 19 और 20 अप्रैल यानी कि सप्तमी और अष्टमी की तिथि को नगर मंदिर से चैती मंदिर ले जाया गया था।
वहीं माँ बाल सुंदरी देवी का डोला चैत्र मास की त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्य रात्रि परंपरा के अनुसार देर रात्रि पुलिस के वाहन से ही माँ बाल सुंदरी देवी मंदिर से वापस नगर मंदिर पहुंचा। पंडा विकास अग्निहोत्री के मां की प्रतिमा को लेकर नगर मंदिर लाने से पूर्व मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ हवन पूजन और माँ की आरती तथा पूर्णाहुति की गई।
इस दौरान मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडा विकास अग्निहोत्री ने बताया कि कोरोना नामक महामारी मां भद्रकाली का ही रूप है, और आदिशक्ति मां से यही प्रार्थना की गई है कि वह अपना यह रूप शांत करके सौम्य रूप में आए और जगत का कल्याण करें तथा इस महामारी का नाश करें।
Deepali Sharma
सम्पादक
खबर प्रवाह
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