December 23, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिलाई पद एवं गोपनीयता की शपथ, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने दी शुभकामनाएं।

Spread the love

प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक का त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद विराम लग गया। रात भर नए मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन का दौर रातभर चला। रमेश पोखरियाल निशंक से लेकर सतपाल महाराज, अनिल बलूनी, धन सिंह रावत, अजय भट्ट जैसे कई दिग्गजो के नाम आगे चल रहे थे लेकिन एक बार फिर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने सभी को चौंकाते हुए तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंपने का निर्णय लिया। वर्ष 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बहुमत के बाद जब रमेश पोखरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूरी और भगत सिंह कोश्यारी जैसे दिग्गजों के नाम आगे चल रहे थे तो पार्टी ने आरएसएस के खांटी नेता रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम के लिए चुना था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के 4 साल पूरे होने में ठीक 9 दिन बाकी थे कि उनका इस्तीफा ले लिया गया। भले ही त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ असंतोष की चर्चाएं नहीं थीं, लेकिन अंदरखाने गुटबाजी और मतभेद की खबरों के बाद लीडरशिप ने यह फैसला लिया। इसके बाद अब तीरथ सिंह रावत को कमान दी गई है।


तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया जाना भी कम चौंकाने वाला नहीं है। दिलचस्प बात है कि 2017 में सतपाल महाराज को उनकी जगह पर टिकट दे दिया गया था और तब उनके निराश होने की भी खबरें थीं। हालांकि पार्टी के मजबूत सिपाही कहे जाने वाले तीरथ सिंह रावत ने इसे चुपचाप स्वीकार कर लिया था और 2019 में पार्टी ने पौड़ी-गढ़वाल लोकसभा सीट से उन्हें टिकट दिया था। उस वक्त दिग्गज नेता और पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी का टिकट काटकर उन्हें मौका दिया गया था। इसके बाद अब जबकि रमेश पोखरियाल निशंक और धन सिंह रावत जैसे दिग्गजों के नाम आगे चल रहे थे, तब तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाने का फैसला ले लिया गया। उत्तराखंड के सीरों, पट्टी असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाल में कलम सिंह रावत के यहां जन्मे तीरथ सिंह रावत वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल से सांसद हैं। तीरथ रावत फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 2012 से 2017 तक चैबट्टाखाल से विधायक रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में तीरथ रावत को हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। तीरथ रावत वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखण्ड के पहले शिक्षा मंत्री बने। 2007 में उन्हें भाजपा उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री बनाया गया। इसके बाद वे प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे। 2013 में उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। तीरथ सिंह रावत 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री रहे। रावत हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य तथा विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में रावत को पौड़ी सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया था, जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक वोटों से हराया। इसके अलावा रावत रामजन्म भूमि आन्दोलन में 2 महीने जेल में रहे। उत्तराखण्ड आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। कई रैलियो में शामिल रहे एवं राज्य आन्दोलनकारी के रूप में चिन्हित किये गए। उन्होंने मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा का नेतृत्व किया था। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आज राजभवन परिसर मे आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने किया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनने पर शुभकामनाएं दीं हैं। सोशल मीडिया पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा है कि भाजपा, उत्तराखण्ड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, बेजोड़ संगठनकर्ता और पौड़ी गढ़वाल सांसद श्री Tirath Singh Rawat जी को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने पर हार्दिक शुभकामनाएं। प्रदेश के विकास, जनता के हित और पार्टी की मजबूती के लिए मेरा आपको और समूची सरकार को पूर्ण सहयोग रहेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व और सटीक दिशानिर्देशन में उत्तराखंड उत्तरोत्तर प्रगति करेगा।