बाल विकास विभाग के ग्रामीण कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक को पिछले तीन साल से चार्ज नहीं दिया गया था। हालत यह थी कि तीन साल में मात्र तीन माह का ही वेतन दिया गया। इससे लिपिक के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है। लिपिक ने वरिष्ठ अधिकारियों एवं महिला आयोग अध्यक्ष से शिकायत की। आखिर महिला आयोग अध्यक्ष एवं एसडीएम ने कार्यालय पहुंचकर लिपिक को चार्ज दिलाया। आयोग अध्यक्ष ने एसडीएम को लिपिक का वेतन दिलाने के लिए कहा है।
बाल विकास विभाग के ग्रामीण कार्यालय में कई साल पहले कनिष्ठ लिपिक के रूप में कुमारी दमयंती आर्य की तैनाती हुई थी। बताते हैं बर्खास्त सीडीपीओ लक्ष्मी टम्टा ने किन्हीं कारणों के चलते दमयंती की जगह किसी अन्य व्यक्ति को लिपिक की जिम्मेदारी दे दी, जबकि दमयंती रोजाना दफ्तर आती रहीं। दमयंती ने अफसरों के चक्कर भी लगाये, लेकिन सुनवाई नहीं हुयी। बीते दिनों उन्होंने महिला आयोग की अध्यक्ष सायरा बानो को शिकायती पत्र सौंपा। इसके अलावा अधिकारियों को भेजे पत्र में कार्रवाई नहीं होने पर खुदकुशी की चेतावनी दी थी। आला अफसरों ने इसका संज्ञान लेकर एसडीएम को जांच के निर्देश दिए। गुरुवार को महिला आयोग अध्यक्ष सायरा बानो और एसडीएम सुंदर सिंह बाल विकास कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कनिष्ठ लिपिक से बातचीत के बाद सभी दस्तावेज हासिल किये। साथ ही प्रभारी सीडीपीओ यासमीन को उसे चार्ज दिलाने के निर्देश दिए। महिला आयोग अध्यक्ष ने लिपिक का वेतन दिलाने के लिए रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं। सायरा बानो ने बताया कि लिपिक ने उनसे शिकायत की थी। इसके अलावा कई अन्य कार्यकत्रियों ने भी बाल विकास के अफसरों के बारे में पैसे मांगने, उनकी सेलरी रोकने अथवा रकम न देने पर नियुक्ति रद करने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि लिपिक का उत्पीड़न किया गया है। इसकी रिपोर्ट बनाने को एसडीएम को कहा गया है। प्रभारी सीडीपीओ यासमीन जहां ने बताया कि महिला लिपिक को चार्ज दे दिया गया है।
Deepali Sharma
सम्पादक
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