December 23, 2024

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भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री की जयंती पर यहां हुआ महिला कांग्रेस नेत्री का अपमान

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देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर काशीपुर महानगर कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर उस वक्त सामने आ गई जब पार्टी के कार्यकर्ता और कांग्रेस नेत्री आपस में ही भिड़ गए और देखते ही देखते नौबत तू तड़ाक पर आ गई। दरअसल महानगर कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर कांग्रेसियों ने कुष्ठ आश्रम में जाकर पल बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान फोटो खिंचवाने को लेकर संगठन की पीसीसी सदस्य एवं पूर्व महापौर प्रत्याशी मुक्ता सिंह और कांग्रेसी कार्यकर्ता राशिद फारुखी आमने सामने आ गए। इस दौरान दोनों में काफी गरमा गर्मी हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जयंती मनाने के लिए महानगर कांग्रेस के द्वारा मोहल्ला टांडा उज्जैन स्थित कुष्ठ आश्रम में फल वितरण का कार्यक्रम रखा गया था।

आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक युवा कांग्रेसी ने फ़ोटो खिंचाने की बात पर महिला नेत्री को खूब खरीखोटी सुनाते हुए तू तड़ाक की। इस घटना ने कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी को उजागर कर दिया। मामले को लेकर संगठन में तमाम तरह की चर्चाएं व्याप्त है। महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संदीप सहगल के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर मोहल्ला टांडा उज्जैन स्थित कुष्ठ आश्रम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान फ़ोटो को लेकर हुआ विवाद देखते ही देखते तूल पकड़ गया। अपने ही संगठन के कार्यकर्ता द्वारा इस तरह की हरकत किए जाने से आहत महिला नेत्री मौके से चली गई। इस बारे में फोन पर बातचीत के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता राशिद फारूकी ने कहा कि कांग्रेसी महिला नेत्री मुक्ता सिंह के द्वारा उन्हें जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें अपमानित किया गया साथ ही उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के एक सबसे निचली पंक्ति के कार्यकर्ता है साथ ही उन्होंने कहा कि नेता बिक सकता है कार्यकर्ता नहीं। वही कांग्रेसी नेत्री मुक्ता सिंह ने भी फोन पर अपना पक्ष रखते हुए बातचीत के दौरान बताया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता राशिद फारूकी के द्वारा उनके साथ काफी बदतमीजी की गई तथा तू तड़क अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जब इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल से फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इतना बड़ा कोई मामला नहीं है और यह पार्टी में आम बात है जोकि होती रहती है। साथ ही दोनों में से किसी ने उनसे व्यक्तिगत इस मामले को लेकर कोई मुलाकात नहीं की है। गौरतलब है कि काशीपुर में वैचारिक भिन्नता के कारण पिछले लंबे समय से कई धडो में बँटी कांग्रेस पार्टी यहां अस्तित्व की तलाश कर रही है। गुटबाजी के कारण पिछले कई चुनावों में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस वर्ष 2022 के चुनावों में खोया अस्तित्व वापस लाने की जद्दोजहद में है लेकिन संगठन के बीच फैली वैचारिक भिन्नता खत्म होने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में कहा जाए कि हालात ऐसे ही रहे तो कांग्रेस को एक बार फिर से पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।