December 23, 2024

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दिवंगत कैलाश गहतोड़ी हुए पंचतत्व में विलीन, अंतिम संस्कार में हुए मुख्यमंत्री सहित अनेक जनप्रतिनिधि हुए शामिल, देखिये वीडियो।

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ख़बर प्रवाह (03 मई, 2024)

चंपावत के पूर्व विधायक एवं उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी देर शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। कैलाश गहतोड़ी के अंतिम संस्कार में राज्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अनेक जनप्रतिनिधियो के साथ साथ सैकडो की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान उनकी शवयात्रा में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी सम्मिलित हुए तथा उनकी अर्थी को कंधा दिया।

आपको बताते चलें कि दिवंगत कैलाश गहतोड़ी ने वर्ष 2017 में चम्पावत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद वर्ष 2022 में दोबारा हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चंपावत की जनता ने उन्हें जीत का स्वाद चखवाया। वही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा से चुनाव हारने के बाद चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री से चंपावत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करते हए उनके लिए इस सीट का त्याग कर दिया और वहां से चुनाव लड़ रहे राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भारी मतों से जीत दर्ज करवाई। उसके बाद चम्पावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को उनके इस त्याग का इनाम उन्हें उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर दिया गया। कैलाश गहतोड़ी पिछले 20 साल से कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित थे। इसी बीमारी के चलते देहरादून की तबीयत बिगड़ने के बाद आज सुबह देहरादून स्थित सरकारी आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली। जिसके बाद दोपहर में उनके पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस से काशीपुर में गिरीताल रोड स्थित उनके आवास पर दर्शनों के लिए रखा गया। जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित भाजपा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा शहर के कांग्रेस और अन्य दलों के जनप्रतिनिधियों के अलावा साकड़ो की संख्या में स्थानीय लोगों ने उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कैलाश गहतोड़ी की अंतिम यात्रा उनके गिरीताल रोड स्थित आवास से शुरू होकर कुंडेश्वरी रोड स्थित साईं मंदिर के पास पहुंची जहां उनके पुत्र शशांक गहतोड़ी ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी शवयात्रा में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी सम्मिलित हुए तथा उनकी अर्थी को कंधा दिया।