December 23, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

काशीपुर में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में लोगों ने किया बौद्ध धर्म ग्रहण।

Spread the love

खबर प्रवाह (07 नवम्बर, 2022)

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में सैकड़ों लोगों के द्वारा हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म के दीक्षा लेकर बौद्ध धर्म अपनाया जाने का मामला सामने आया है। काशीपुर में रामनगर रोड स्थित प्रतापपुर क्षेत्र के एक  पार्क में धम्म देशना और धम्म दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में 300 से अधिक हिन्दुओं ने गौतम बुद्ध की 22 प्रतिज्ञा लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व  कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने शिरकत की। इस दौरान धर्म ग्रहण करने वाले लोगों ने भगवान गौतम बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। 

उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर के ग्राम भोगपुर, प्रतापपुर स्थित डॉ. अंबेडकर पार्क जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक चंद्रहास गौतम की अगुवाई में इस दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में वक्ताओं ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को बौद्ध धर्म से जोड़ने की बात कही। जिसके बाद बहुजन समाज के करीब 300 उपासकों एवं उपासिकाओं ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने लोगों को बौद्ध धर्म स्वीकार करवाया। इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक और प्रबंधक चन्द्रहास गौतम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कार्यक्रम में एक हजार के आसपास जो पाए थे जिनमें से 500 लोगों ने धम्म की दीक्षा ग्रहण की। सभी लोगों ने अपनी स्वेच्छा से दीक्षा ग्रहण की है जिसकी कि जानकारी उनके द्वारा अपने जिले के जिलाधिकारी को शपथ पत्र के माध्यम से दी जा चुकी है। कार्यक्रम के बारे में स्थानीय प्रशासन से अनुमति ली  गयी थी। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत ना तो कभी हिंदू राष्ट्र था और ना ही कभी हिंदू राष्ट्र बनेगा क्योंकि एससी, एसटी और ओबीसी के लोग कभी हिंदू नहीं थे और कोई भी उनको हिंदू साबित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कोई भी अगर एससी एसटी और ओबीसी के लोगों को हिंदू साबित कर देता हम उसको एक करोड़ का इनाम देंगे। इन जाति के लोगों का किसी तरह का कोई पाणिग्रहण संस्कार नहीं होता है इसलिए इनको हिंदू साबित नहीं किया जा सकता। यह पुराने बुद्धिस्ट हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को धर्म की शिक्षा ली थी। कहां के मूल निवासी है इसलिए हम बुद्धिस्ट हैं। अशिक्षा के कारण हम अपने आपको हिंदू मानने लगे थे लेकिन जैसे-जैसे शिक्षा प्राप्त हो रही है वैसे वैसे हम बौद्ध धर्म अपना रहे हैं। कार्यक्रम में दिल्ली, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल और बागेश्वर आदि विभिन्न जनपदों से लोग कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे जिन्होंने धर्म के शिक्षा ग्रहण की। अगर इस देश में हमको हिंदू माना जाता तो हमें मंदिरों में प्रवेश करने से नहीं रोका जाता, हमारी  जाति धर्म के व्यक्ति की मूछ रखने पर हत्या नहीं की जाती, अगर हमको हिंदू माना जाता तो हमारे साथ बैठकर खाना खाया जाता  तथा हमारे साथ भेदभाव नहीं किया जाता। बसपा सुप्रीमो मायावती के भारतीय जनता पार्टी के साथ कई बार सदा बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी का व्यक्तिगत तथा बहन मायावती का व्यक्तिगत फैसला हो सकता है इस बारे में उन्हें कुछ  नहीं कहना है। उनका काम सामाजिक परिवर्तन का है। हम धर्मांतरण नहीं, बल्कि घर वापसी कर रहे हैं।