December 23, 2024

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काशीपुर भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती मनाई।

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भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की 135 जयंती आज देश भर में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। इस मौके पर काशीपुर में भी पंडित गोविंद बल्लभ पंत स्मारक समिति के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के द्वारा भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए। जयंती समारोह में मुख्य अतिथि जस्टिस राजेश टंडन रहे मुख्य अतिथि ने पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया। अपने संबोधन में जस्टिस टण्डन ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत को देश के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और एक कुशल प्रशासक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने आधुनिक भारत के मौजूदा स्वरूप को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने वर्ष 1937-1939 के बीच संयुक्त प्रांत के प्रीमियर, वर्ष 1946-1954 तक उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और वर्ष 1955-1961 तक केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें वर्ष 1957 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। हमें उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।

आपको बताते चलें कि काशीपुर में मुरादाबाद रोड स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पार्क में पंडित गोविंद बल्लभ पंत स्मारक समिति के तत्वाधान में प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम का आयोजन होता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी समिति के द्वारा पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर उनके चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि हमे पंत जी के मार्ग दर्शन पर चलना चाहिये व समाज के हित में काम करना चाहिये ताकि समाज में एक अच्छा संदेश मिले। जस्टिस टण्डन ने कहा कि काशीपुर को जिला बनाये जाने की 60 वर्षों से भी पुरानी मांग को पूरा कराने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। गोविंद बल्लभ पंत पार्क समिति ने प्रशासन से अपील की है कि पंत पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगवाकर उसकी मॉनीटरिंग पुलिस से कराये जाने को एसपी से कहा, ताकि पार्क में नशेड़ी तत्वों पर नजर रखी जा सके। कार्यक्रम में उपस्थित मेयर उषा चैधरी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने किसानों के उत्थान और अस्पृश्यता के उन्मूलन की दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया। भाजपा नेता आशीष गुप्ता, कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा तथा डा. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पंत जी के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में लायंस क्लब काशीपुर ग्रेटर द्वारा रक्तदान शिविर लगाया गया, जिसमें तमाम लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सा क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने वाले लक्ष्मण दत्त भट्ट राजकीय चिकित्सालय के डॉ. शांतनु सारस्वत (अब दिवंगत) के योगदान को दृष्टिगत रखते हुए उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि समेत सभी अतिथिगण का पंडित गोविंद बल्लभ पंत स्मारक समिति के संयोजक दिलीप मेहरोत्रा व महामंत्री गौतम मेहरोत्रा ने बुके भेंट कर स्वागत किया। उन्होने कहा कि सकारात्मक सोच व जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिये।

वक्ताओं ने पंडित पंत जी के जीवन परिचय को बताते हुए कहा कि उनके कार्यो को हमेशा याद रखना होगा। उन्होने कहा कि पंत जी सदैव देश के लिये समर्पित रहे। पं. गोविन्द बल्लभ पंत जी आज भी प्रशासकों के आदर्श हैं, हमें पन्त जी के आदर्शों, को अपनाते हुये हमे राष्ट्र, समाज की सेवा के लिए तत्पर रहना होगा। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कार्यक्रम का आयोजन गौतम मेहरोत्रा ने कहा कि भारी बारिश के बावजूद भी काशीपुर के स्थानीय अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस दौरान सामूहिक राष्ट्रगान की किया गया। कार्यक्रम के अवसर पर गौतम मेहरोत्रा ने काशीपुर के जिला बनाए जाने की सुगबुगाहट पर बोलते हुए कहा कि काशीपुर को जिला बनाते हुए काशीपुर का नाम पंडित गोविंद बल्लभ पंत नगर किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में भारी बारिश के बीच क्षेत्रीय विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, विमल गुड़िया, दीपक बाली, अरूण चैहान, गगन काम्बोज, अलका पाल, गुरविंदर सिंह चंडोक, विकल्प गुड़िया, पंकज टंडन, गौतम मेहरोत्रा, अजय मेहरोत्रा, प्रीतम सिंह, राजीव यादव, खुशहाल सिंह, जितेन्द्र सरस्वती, मंसूर अली, मधु मेहरोत्रा, चक्रेश जैन, विजय सिंह चैधरी, डा. मंयक अग्रवाल, अमित मित्तल, प्रभात साहनी, मंयक शर्मा, अवनीश चैहान, जगमोहन सिंह गुंसाई, डा. यूनुस चैधरी, मनोज कौशिक, मुशर्रफ हुसैन, मौ. आकिब, अभिषेक गोयल, सुंदर लाल पाल, मौ. मियां भारती, टीका सिंह सैनी, यामीन, लेखराज सिंह, वेद प्रकाश विद्यार्थी, अनिल कुमार चैहान व बाबू राम, सुशील मेहरोत्रा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन साबिर हुसैन ने किया।