December 22, 2024

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जानिए काशीपुर के अहमद और उसकी बहन मरियम अंसारी ने यूक्रेन में फंसे काशीपुर के मेडिकल छात्रों समेत सभी लोगों के परिवारों में कैसे जगाई उम्मीद की किरण।

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में फंसे काशीपुर के 4 छात्र छात्राओं समेत 5 लोगों के परिजनों में से एक परिवार के लिए उम्मीद की किरण बनकर एक सुखद खबर उस वक़्त सामने आई, जब यूक्रेन में रह रहे काशीपुर के भाई बहन अलग-अलग स्थानों से सफर करते हुए लीवीव नामक स्थान पर पहुंच गए। अब वह आगे का सफर तय करके रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचेंगे जहां से भारतीय विमानों के द्वारा वह स्वदेश करेंगे। आपको बताते चलें कि भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी की शुरुआत ऑपरेशन गंगा के तहत शुरू कर दी है जिसके तहत 219 भारतीय नागरिकों को लेकर पहला विमान भारत आ गया है जबकि दूसरा विमान भी नागरिकों को लेकर भारत पहुंच चुका है।

आपको बताते चलें कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के बीच यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में काशीपुर के 4 छात्र छात्राओं समेत पांच लोग फंस गए थे। जिसमें मोहल्ला महेशपुरा फ्रेंड्स कॉलोनी मंझरा रोड काशीपुर के रहने वाले शमशुल आरिफ उर्फ गुड्डू आढ़ती का पुत्र अहमद शम्स तथा उसकी बहन मरियम अंसारी, परसादीलाल बाग कटोरा ताल के रहने वाले शमीम सैफी की पुत्री उंजिला सैफी एवं थाना आईटीआई जसपुर खुर्द के रहने वाले नरेंद्र सिंह नागरा की पुत्री सुखबीर कौर तथा मोहल्ला मंझरा लक्ष्मीपुर पट्टी के रहने वाले अनवर अली पुत्र अकबर अली शामिल हैं। उनमें से मोहल्ला महेशपुरा फ्रेंड्स कॉलोनी मंझरा रोड काशीपुर के रहने वाले शमशुल आरिफ उर्फ गुड्डू आढ़ती का पुत्र अहमद शम्स यूक्रेन की राजधानी कीव तथा उसकी बहन मरियम अंसारी विनिसिया नामक अलग-अलग शहरों में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे थे। जिसके बाद युद्ध शुरू होने के बाद दोनों ही शहरों में फस गए थे। मरियम और उनके भाई अहमद शम्स के पिता शमशुल आरिफ उर्फ गुड्डू आढ़ती ने ईटीवी भारत से फोन पर संपर्क कर बताया कि उनका बेटा अहमद शम्स कीव से 700 किलोमीटर का सफर तय कर लीवीव शहर पहुंच गया था जबकि उसकी बहन मरियम अंसारी विनीसिया से 250 किलोमीटर का सफर तय कर लीवीव शहर में आज देर शाम अपने भाई से मिल गयी। जहां से अब दोनों भाई बहन अपने अन्य साथियों के साथ 400 किलोमीटर का सफर तय कर रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचेंगे। इस दौरान दोनों भाई बहनों ने अपनी तस्वीर व्हाट्सएप के माध्यम से अपने पिता और अन्य परिजनों के साथ शेयर की। इसके पहले अहमद शम्स ने व्हाट्सएप पर चैटिंग के माध्यम से अपने पिता से अपने और मरियम के सुरक्षित होने के बारे में जानकारी दी थी। वहीं उन्होंने चिंता नहीं करने और इंटरनेट की समस्या के चलते बार-बार कॉल न करने की अपील की थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि वह जल्द ही सुरक्षित घर वापस लौटेंगे। इस सुखद खबर के बाद काशीपुर के अन्य लोगों के परिजनों में भी एक आस की किरण जग गई है और उन्हें भी उम्मीद हो गई है कि जल्द ही भारत सरकार उनके बच्चों को भारतीय विमान की मदद से सुरक्षित घर वापस लाएगी।