काशीपुर में एनएचएआई से भूमि अधिग्रहण का बकाया मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर किसानों के धरना- प्रदर्शन को हटाने के लिए चुनाव संहिता लगने पर प्रशासन द्वारा हटाए जाने की कार्यवाही करते हुए शीघ्र ही पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। एनएचएआई की ओर से एनएच निर्माण के लिए अधिकृत की गई भूमि का मुआवजा ठीक से निर्धारित न करने के विरोध में ग्रामसभा बरखेड़ा में विगत कई दिनों से धरना- प्रदर्शन चल रहा है। पीड़ित किसानों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहित करने पर उनकी भूमि का मुआवजा ठीक से नहीं दिया गया। जिससे आक्रोशित होकर पीड़ित पक्ष के किसानों ने एनएचएआई के खिलाफ टेंट गाड़ कर परिवार सहित धरना प्रदर्शन आरंभ कर दिया। भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों की मांग के समर्थन में वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की प्रदेश सचिव अलका पाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित पक्ष को उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने धरना स्थल पर उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह से दूरभाष पर वार्ता करते हुए शीघ्र ही पीड़ित पक्ष को उचित मुआवजा दिलाएं जाने की बात की। कांग्रेस नेत्री अलका पाल ने कहा कि गत 30 मई 2016 को भूमि अधिकरण के समय अवार्ड जारी कर गिन्नी खेड़ा में कृषि भूमि की कीमत ₹45 लाख प्रति हेक्टेयर की गई थी, जबकि कुछ समय के बाद भूमि की कीमत 24 लाख प्रति हेक्टेयर करते हुए आदेश जारी कर दिया गया, जो कि प्रशासन और सरकार की मनमानी का नमूना है। उन्होंने एनएच अधिकारियों और प्रशासनिक अमले से कहा कि अगर शीघ्र ही किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो वह खुद इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगी। इस अवसर पर नायब तहसीलदार राकेश कुमार,लेखपाल दौलत सिंह, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू, पीसीसी सचिव अलका पाल,कांग्रेसी नेता मोहित चौधरी,विकास कुमार, किसान नेता कर्म सिंह, महिपाल चौहान,मो. हनीफ, रियासत,संजय चतुर्वेदी, फिरोज अहमद,सुंदरलाल पाल, विकास कुमार सहित दर्जनों किसान और उनके पीड़ित परिवार उपस्थित रहे।
Deepali Sharma
सम्पादक
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