केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सवा साल से चल रहे किसान आंदोलन के समाप्त होने के बाद किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर से किसान फतेह मार्च के माध्यम से काशीपुर वापस पहुंचने पर शहर में किसान फतेह मार्च निकाला गया। इस दौरान आंदोलन को जनता और किसानों की जीत बताया गया।
आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर से निकाला गया किसान फतेह मार्च मुरादाबाद से होते हुए दोपहर बाद यूपी के अलीगंज बॉर्डर पर पहुंचा। जहां से सैकड़ों की संख्या में अपने वाहनों से पहुंचे किसानों ने फतेह मार्च में शामिल हुए। यह मार्च अलीगंज रोड, टांडा तिराहा, एमपी चौक, चीमा चौराहा, रामनगर रोड, मानपुर रोड होते हुए बड़े गुरुद्वारा में पहुंचकर संपन्न हुआ। जहां शुकराना अरदास हुई। इस दौरान भाकियू युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि सवा साल चलने वाला यह देश के इतिहास का पहला आंदोलन है। इस आंदोलन ने यह दिखाया है कि सरकार कितनी भी ताकतवर हो लेकिन उसे जनता के आगे झुकना ही पड़ता है। इस दौरान उन्होंने सभी किसान भाइयों के साथ साथ मीडिया का भी शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान मृत किसान भाइयों के बारे में कहा कि इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान दी वह हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा बसे रहेंगे। जब भी किसान आंदोलन की बात होगी तो उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस आंदोलन की नींव रखी। जनता और किसानों के दबाव में सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड का मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी जब तक सरकार में गृह राज्य मंत्री रहेगा तब तक उनकी भाजपा से लड़ाई रहेगी। अभी तक सरकार ने उन्हें निष्कासित किया और न ही मंत्रिमंडल से हटाया है। इस मौके पर मनप्रीत सिंह, राजू छीना, बलजिंदर सिंह, सरजीत सिंह, कुलवीर सिंह, प्रगट सिंह, अमरजीत सिंह आदि मौजूद थे।
Deepali Sharma
सम्पादक
खबर प्रवाह
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