December 23, 2024

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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर राज्य आंदोलनकारियों को किया सम्मानित, देखें वीडियो।

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उत्तराखंड राज्य का 21 वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे राज्य में मनाया गया। इस मौके पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ काशीपुर में भी कार्यक्रम का आयोजन कर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूली बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

आपको बताते चलें कि आज पूरा उत्तराखंड अपना 21वां राज्य स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर देहरादून से लेकर पूरे प्रदेश भर में सभी स्थानों पर विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया तथा राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़कर भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। प्रदेश के अन्य स्थानों के साथ-साथ काशीपुर में भी तहसील परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काशीपुर के संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा और तहसीलदार पूनम चंद्र पंत ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को एवं उनकी अनुपस्थिति में पहुंचे उनके परिजनों को फूल माला व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

इस दौरान गुरु नानक स्कूल के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेशवासियों को दिए संदेश में राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की गई। इसके बाद गुरु नानक इंटर कॉलेज की छात्राओं ने गिद्दा व भांगड़ा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर लिया। तदोपरांत आप नेता एवं राज्य आंदोलनकारी दीपक बाली समेत आधा दर्जन से अधिक राज्य आंदोलनकारियों वाहन की अनुपस्थिति में उनके परिजनों को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा माला पहनाकर शाल उढाते हुए उन्हें बाकायदा सम्मानित किया गया।

आम आदमी पार्टी की चुनाव कैंपेन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य आंदोलनकारी दीपक बाली ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि कितने शर्म की बात है कि राज्य के गठन के 21 वर्ष बीतने के बावजूद उत्तराखंड दुर्दशा का शिकार है और जिन सपनों को सजोकर हमने उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़ी वे सपने आज तक साकार नहीं हो पाए इसलिए आज जरूरत है कि जिस तरह से राज्य निर्माण की लड़ाई लड़ी गई उसी तरह से अब राज्य के नव निर्माण की लड़ाई लडी जाए। प्रदेश के गठन के लिए शहीद हुए आंदोलनकारियों की आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब प्रदेश से दंडी और कंडी की व्यवस्था खत्म हो और शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बने ।पलायन रुके शिक्षा और चिकित्सा सभी को मिले । चिकित्सा के अभाव में कोई दम नहीं तोड़े।

प्रदेश का हर गांव सड़क से जुड़े और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी रहने वाले पर्वतीय समाज के लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिले ।आज भी वह प्रदेश वासियों के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए आकांक्षा वर्मा ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान गोष्ठी का आयोजन किया गया तथा उन्हें सम्मानित भी किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य का निर्माण इस मकसद से भी किया गया कि बहुत ही विकास योजनाएं पर्वतीय क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाती थी। सोना कहां गई अब तक हम आगे बढ़ चुके हैं और काफी आगे तक हमें आगे बढ़ना है तथा राज्य को विकास की तरफ ले जाना है। प्रशासन और जनता दोनों को एक साथ मिलकर राज्य के विकास करने की तरफ आगे बढ़ना है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी नरपत सिंह राजपूत ने अपने सम्बोधन में सपा की तत्कालीन सरकार पर निशाना साधते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर तीखा प्रहार करते हुए क्रूर शासक की संज्ञा दी। उन्होंने 18 दिन फतेहगढ़ की जेल में बिताये गए दिनों की याद ताजा कर दी।