काशीपुर रोडवेज परिसर में आज ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तराखंड के द्वितीय वार्षिक एक दिवसीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने पेंशनर्स की समस्याओं और मांगों का लंबे समय से निस्तारण नहीं होने पर रोष व्यक्त किया और आंदोलन की रणनीति बनाने पर विचार-विमर्श किया।
रोडवेज बस स्टेशन में समिति के द्वितीय वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत, प्रदेश अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी महिला अध्यक्ष जयश्री ताई, एनएसी उपाध्यक्ष केसी तिवारी, एनएसी पंजाब अध्यक्ष जितेंद्र वीर सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राउत ने कहा कि देश की सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मियों को 27 हजार रुपये महीना पेंशन देने की बात कही थी। तब कर्मियों ने इसके लिए अपनी राशि जमा की। मरने पर यह पेंशन उसकी पत्नी को मिलेगी। दोनों के मरने पर 23 लाख रुपये परिवार को मिलेगा। सरकार ने यह भी वायदा किया गया था कि यह पेंशन सरकारी पेंशन से 10 फीसदी अधिक होगी, लेकिन जब पेंशन लेने का समय आया तो कर्मियों को एक हजार रुपये महीने से ज्यादा पेंशन नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा देशभर में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 67-68 लाख पेंशनर्स हैं।
इनमें से करीब 45 लाख ऐसे हैं, जिन्हें डेढ़ हजार रुपये पेंशन मिल रही है। उन्होंने कहा इस विसंगतियों को लेकर समिति छह साल से आंदोलन कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राउत ने कहा भगवान विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित अधिवेशन की बधाई देते हुए कहा आज के आधुनिक विश्वकर्मा इंडस्ट्रीयल वर्क्स हैं। जिन्होंने भारत को बनाया, लेकिन उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद 300-400 रुपये पेंशन दी जा रही है। यह कहां का न्याय है। देश के 27 राज्यों के हर जिले में संगठन बना हुआ है। समिति दिल्ली तक आंदोलन कर चुकी है। प्रधानमंत्री से दो बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन केवल कोरा आश्वासन दिया गया। हर वर्ष छह हजार पेंशनर्स की मृत्यु हो रही है। इसलिए सरकार को कर्मियों को शीघ्र न्याय देना चाहिए है। उन्होंने कहा सरकार ने देश में श्रम योगी मानधन योजना शुरु की है। जिसमें जो वर्क्स 100 रुपये जमा करता है, उसे तीस साल बाद तीन हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलने का वायदा किया है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मियों ने 541 रुपये दिए तो इनको कितना और कब मिलेगा, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका। देश के इंडस्ट्रीयल वर्क्स 19 करोड़ 33 लाख कर्मी ऐसे हैं, जो काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हे सुरक्षित या संरक्षित नहीं किया गया है। हर महीने 6 करोड़ कर्मी के अंशदान देने के बावजूद उनका भविष्य अंधकारमय है। इसके लिए प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री से कई बार वार्ता हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। संगठन मुख्यालय महाराष्ट्र के बुलडाना में कर्मी मांगों को लेकर एक हजार दिन से आंदोलनरत है। प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा संगठन जगह-जगह आंदोलन कर रहे हैं। हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हमने जो अपना अंशदान दिया है वह मांग रहे हैं। शीघ्र ही जमेशदपुर में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। अधिवेशन में पंजाब, यूपी, महाराष्ट्र, हरियाणा से आमंत्रित सदस्यों के अलावा प्रदेश के सैकड़ों सेवानिवृत्त कर्मियों ने भाग लिया। वहां पर प्रदेश अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह, सुरेश डंगवाल, प्रांतीय सचिव सुभाष शाह, रविंद्र वशिष्ठ, पान सिंह नेगी, जगत सिंह डोभाल, कैलाश पांडेय, सुरेंद्र कांबोज, राम प्रकाश शर्मा, विनोद शर्मा, विरेंद्र शर्मा आदि थे।
Deepali Sharma
सम्पादक
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