December 23, 2024

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यदि आपके खाते से हो जाए ऑनलाइन ठगी तो जानिए किन दो तरीके से बच सकते हैं आपके रुपये।

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साइबर अपराधियों के निशाने पर हर उस व्यक्ति का खाता है, जो अनजाने या लालच में इनके झांसे में आ जाता है। पलक झपकते ही बैंक खातों या ई-वॉलेट से राशि निकल जाती है। यदि छोड़ी सी तत्परता बरती जाए तो इस राशि को बचाया जा सकता है। इसके दो तरीके हैं। पहला यह कि खाते से राशि निकलने का मैसेज आते ही साइबर पुलिस की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें और फिर राष्ट्रीय स्तर पर संचालित हेल्पलाइन 155260 पर सूचना दें। यह काम जितनी जल्दी किया जाएगा, अधिकतम राशि बचने की संभावना उतनी अधिक होगी।
साइबर पुलिस से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अपराधियों से बचने का सबसे बेहतर उपाय सतर्कता रखना है। अनजान लोगों की ओर से दिए जाने वाले लालच में आकर व्यक्तिगत जानकारी न दें और अनजान व्यक्ति द्वारा भेजी गई किसी भी लिंक को क्लिक न करें। इसके बाद भी किसी तरह की धोखाधड़ी होती है और बैंक खाते या ई-वॉलेट से राशि निकल जाती है तो तत्परता दिखाएं। साइबर अपराधी कुछ ही देर में राशि को खर्च कर देते हैं। जानकारी के अभाव में लोग घंटों तक परेशान होते हैं और अपराधियों को अपना काम करने का मौका मिल जाता है। वेबसाइट www.cybercrime.gov.in शिकायत दर्ज करने का प्रमुख माध्यम है। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बनाया गया इंडियन साइबर क्राइम रिपोर्टिग पोर्टल सेंटर है। इसी में सिटीजन साइबर के लिए व्यवस्था है। यहां क्राइम फ्राड रिपोर्टिग का विकल्प होता है। इस पोर्टल पर साइबर एक्सपर्ट, बैंक और ई–वॉलेट से ज़़ुडी कंपनियों के अधिकारी हैं। यहां शिकायत करने के साथ ही जिस खाते से राशि निकाली गई है और उसका जहां-जहां ट्रांजेक्शन (राशि हस्तांतरण) किया गया है, वहां भुगतान को रोकने की व्यवस्था की जाती है। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के तत्काल बाद हेल्पलाइन पर जानकारी देते ही भुगतान रोक दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान पूरी या अधिकांश राशि को साइबर अपराधियों तक पहुंचने से रोका जा सकता है।