सूचना के अधिकार से मिले जवाब के उपरांत एक कॉलोनाइजर पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया हैं। मामले में शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री सहित कुमाऊँ आयुक्त, जिलाधिकारी को खतौनी में फ़र्ज़ी अमलदारमद कर कॉलोनाइजर द्वारा रामनगर के पुछड़ी क्षेत्र में करीब चार बीघा जमीन की रजिस्ट्री कराकर कॉलोनी विकसित किए जाने के मामले में रजिस्ट्री को निरस्त करने की मांग की।साथ ही कॉलोनाइजर पर खतौनी में फ़र्ज़ी अमलदारमद के मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की।
आइये जानते हैं क्या मामला-
ग्राम शक्तिनगर निवासी अब्दुल कादिर के पुत्र शकील ने ग्राम टेडा रामनगर के बनदोबस्ती की खतौनी संख्या- 2 में 1392 से 1397 खतौनी बनाकर वर्ष 2003 से पूर्व उत्तराखण्ड में कृषि भूमि होने का साक्ष्या बनाकर उसके आधार पर ग्राम पुछड़ी रामनगर में करीब चार बीघा भूमि खरीद कर कालोनी काटकर उसे विक्रय किया गया।सूचनाकर्ता मो. उमर पुत्र नसीम अहमद निवासी रेलवे स्टेशन रोड भवानीगंज द्वारा वर्ष 2003 से पूर्व उत्तराखंड में उपरोक्त बन्दोबस्त खतौनी खाता सं0-2 फसली 1392-1397 में अब्दुल कदीर पुत्र अब्दुल रहमान के नाम किसके विक्रय- क्रय के आधार पर दर्ज हुये सूचना के अधिकार अधिनियम से सूचना मांगी गई। सूचना के तहत मिले जबाब में लोक सूचना अधिकारी उप निबन्धक हल्द्वानी प्रथम द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि ऐसा कोई विक्रय विलेख पंजीकृत नहीं हुआ है। यह खतौनी फर्जी पाई गई।
नहीं सुनी अधिकारियों तो मुख्यमंत्री दरबार भेजा फ़र्ज़ी खतौनी अमलदारमद का मामला-
उक्त प्रकरण के मामले में पूर्व में भी मुसाहिद पुत्र मकसूद निवासी ग्राम पूछडी रामनगर द्वारा एक शिकायती पत्र दिया गया था। जिसकी जिलाधिकारी के ओदश पर जांच नायब तहसीलदार रामनगर द्वारा की गई। जिसमें रजिस्ट्रार /कानूनगो कार्यालय में खतौनी सं-2 फसली 1392 से 1397 बन्दोबस्ती में अब्दुल कादिर पुत्र अब्दुल रहमान के
नाम कोई भूमि दर्ज अभिलेखों नहीं पायी गयी है। जिससे यह स्पष्ट है कि यह खतौनी फर्जी बनाई गयी हैं।
क्या रसूखदारों व सफेदपोश नेताओं के दबाव में हैं अधिकारी,
उत्तराखंड सूबे के मालिक हो आप, सुनो मेरी फ़रयाद
उक्त पूर्ण प्रकरण में एक प्रार्थना पत्र उपजिलाधिकारी रामनगर को दिनांक 12-3-2021 को पंजीकृत डाक के माध्यम से प्रेषित किया गया था। जों उपजिलाधिकारी रामनगर को दिनांक-17-3-2021 प्राप्त हो गया था ।उपजिलाधिकारी रामनगर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर उसकी अपील/सूचना जिलाधिकारी नैनीताल,कुमाऊँ आयुक्त , मुख्य सचिव उत्तराखण्ड को दिनांक 26-03-2021 को पंजीकृत डाक द्वारा दी गई ।जोकि जिलाधिकारी व कुमाऊँ आयुक्त नैनीताल को दिनांक 31-3-2021 को प्राप्त हो गई। तथा मुख्य सचिव उत्तराखण्ड को दिनांक 30-3-2021 को प्राप्त हो गई थी। लेकिन काफी समय व्यतीत हो जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुयी।
शिकायत वापस न लेने पर झूठे मुकदमों में फ़साने की दी जा रही हैं धमकी,,आपके दरबार से नहीं मिला इंसाफ़,तो जाऊंगा उच्च न्यायालय-
उक्त प्रकरण के मामले में दिनांक 5-04-2021 को एक शिकायत उत्तराखण्ड सरकार के ऑन लाईन पोर्टल पर दर्ज की गई थी। जिसके उपरांत भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। शिकायती पत्र पर उचित संज्ञान लेते हुये उपजिलाधिकारी रामनगर अथवा अपने किसी अधीनस्थ को उक्त समस्त भूमि के अमलदरामद व रजिस्ट्रीओ को निरस्त कर दोषियों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही करने के आदेश जारी करे।खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद की फ़रयाद लेकर उच्च न्यायालय जाऊगां।
भैस के आगे बीन बजाई उसको लहर फिर भी न आई,यह कहावत कब सही साबित हुई –
जब प्रशासन व कॉलोनाइजर द्वारा शिकायती पत्र वापस लेने का दबाब लगातार बनाया जा रहा है तथा किसी भी संगीन मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही है।जिससे शिकायतकर्ता काफी भयभीत है।
कहां की दर्शायी फ़र्ज़ी वर्ग 1(क) संक्रमणीय भूमि, और कहां करायी वर्ग 1(क) संक्रमणीय भूमि की रजिस्ट्री-
ग्राम पूछड़ी परगना भावर चिल्किया रामनगर वर्ग 1(क) संक्रमणीय अधिकार वाली भूमि के खाता सं0 04, खसरा नम्बर 12/7 अ मि. रक्बा 0.202 हेक्टेअर, को कॉलोनाइजर ने अपने पिता अब्दुल कदीर पुत्र अब्दुल रहमान के नाम ग्राम- टेडा तहसील- रामनगर के खाता स0-02 में वर्ग 1(क) भूमिधरी भूमि दिनांक 12-09-2003 वर्ष से पूर्व दर्ज अभिलेख प्रस्तुत किए।और ग्राम पुछड़ी क्षेत्र में करीब चार बीघा जमीन की रजिस्ट्री कराई ।जबकि सूचनाअधिकारी हल्द्वानी के मिले जबाब में अब्दुल कदीर पुत्र अब्दुल रहमान के नाम ग्राम- टेडा बंदोबस्ती रामनगर के खाता स0-02 में वर्ग 1(क) भूमिधरी होने के साक्ष्य को फ़र्ज़ी करार दिया हैं।शिकायतकर्ता द्वारा खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद के सभी दस्तावेज को प्रशासन के समक्ष पेश करने के उपरांत भी अधिकारी आखिर क्यों चुप हैं?
कॉलोनाइजर को प्रशासन का हैं संरक्षण,आरोप-
शिकायतकर्ता का आरोप हैं कॉलोनाइजर को स्थानीय प्रशासन का संरक्षण होने के चलते के कॉलोनाइजर द्वारा हरे -भरे बगीचों को उजाड़, ग्राम पंचायत व वनभूमि पर कॉलोनी विकसित की जा रही हैं।जिस पर स्थानीय अधिकारी आँखे मूंदे हुए हैं।शिकायतकर्ता का आरोप क्या कॉलोनाइजर व अधिकारियों की साठं-गांठ से हो रहा यह खेल हैं क्या कॉलोनाइजर द्वारा कालोनी विकसित करने पर प्रशासन खुश करना पड़ता हैं?
खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद के मामले में क्या कहना हैं प्रशासन का-
कोविड के चलते स्थानीय प्रशासन से मामले में जानकारी के लिए दुरभाष नम्बर पर संपर्क करने पर दूरभाष नम्बर रिसीव नही हो पाये।मामले में नायब तहसीलदार वीर सिंह चौहान का कहना हैं खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद का एक शिकायत पत्र मिला है।वर्ष 1980 के समस्त अभिलेख जिला माल अभिलेखागार कार्यालय में मौजूद हैं।उक्त प्रकरण की मूल खतौनी जिला माल अभिलेखागार कार्यालय से मंगवाई गयी हैं।उक्त प्रकरण की तहसीलदार पूनम पंत द्वारा जांच की जा रही हैं। खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद होना का स्पष्टीकरण होने के उपरांत विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कॉलोनाइजर से हुई खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद मामले में वार्ता,बहन-भाइयों की जन्मभूमि हैं रामनगर –
कॉलोनाइजर शकील का कहना हैं उनके द्वारा कोई खतौनी फ़र्ज़ी अमलदारमद नही प्रस्तुत की गयी।उनके ख़िलाफ़ शिकायतकर्ताओ द्वारा अनावश्यक शिकायत की जा रही हैं।उनके पिता के नाम वर्ष 2002 से पूर्व 3 सम्पति उत्तराखंड में हैं और उनके पिता का जन्म चिल्किया टांडा व मां का जन्म मोहल्ला खताड़ी रामनगर में हुआ हैं और उन सभी बहन-भाइयों की जन्मभूमि रामनगर हैं।तो वह बाहरी कहां से हो गए।,शिकायत कर्ताओ पहले उनका इतिहास की जानकारी कर ले और उसके उपरांत आरोप के वाड मुख्यमंत्री सहित प्रशासन के दरबार लेकर जाए तो उनके के लिए बेहतर होगा।
Deepali Sharma
सम्पादक
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