बीते दिनों योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी को लेकर दिये विवादित टिप्पणी से देशभर के एलोपैथी से जुड़े चिकित्सकों में रोष व्याप्त है । रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड शाखा काशीपुर ने प्रेसवार्ता कर बाबा रामदेव द्वारा दिये वक्तव्य का बिरोध करते हुए आइएमए के अध्यक्ष डा. अरविंद शर्मा ने हमला करते हुए कहा ये लड़ाई अंहकारी व्यापारी से है योग और आयुर्वेद से नहीं ।
आइएमए की काशीपुर शाखा द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अरविन्द शर्मा ने बाबा रामदेव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जिस तरह इस विवाद को धर्म और राष्ट्रवाद का रंग दिया जा रहा वह दुखद है ।जिस तरह इसे आयुर्वेद व एलोपैथी बनाने के कुत्सित प्रयास हो रहे हैं, वह भी दुख दुखद है । आयुर्वेद और एलोपैथी तो एक मंजिल तक पहुंचाने वाले दो अलग-अलग मार्ग हैं । उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आयुर्वेद के खिलाफ नहीं है यह लड़ाई उस योग गुरु रामदेव के खिलाफ भी नहीं है, जिसने योग को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाया है । यह लड़ाई संत का वेश धारण किए एक ऐसे अंहकारी व्यापारी के विरुद्ध है जो अपना सामान बेचने के लिए किसी अन्य पद्धति को बदनाम कर रहा है । उन्होंने करारा प्रहार करते हुए कहा कि यह लड़ाई आठवीं पास उस क्रेक के खिलाफ है जिसने न तो आयुर्वेद की पढ़ाई की है न एलोपैथी की, लेकिन ज्ञान दोनों को देता है । यह लड़ाई अहंकार में चूर उस अति महत्वाकांक्षी, बड़बोले व्यक्ति से है जिसे इस देश के 1000 चिकित्सकों का बलिदान हास्य का विषय लगता है, यह लड़ाई उस व्यापारी से है जिसे देश के कोने कोने में मर खप रहे कोरोना वॉरियर्स का संघर्ष व्यर्थ लगता है । युद्ध में हार जीत होती रहती है, लेकिन सैनिकों के बलिदान को हर राष्ट्र सदैव याद रखता है उनका सम्मान करता है, क्या इस देश को अपने स्वास्थ्य सैनिकों के बलिदान का उपहास करने वाले व्यक्ति को आसानी से माफ कर देना चाहिए । उन्होंने कहा कि हर चिकित्सा पद्धति की अपनी सीमाएं होती हैं और किसी भी पद्धति का कोई भी प्रशिक्षित चिकित्सक कभी बड़ी से छोटी बीमारी तक सौ फीसदी इलाज का दावा नहीं करेगा । बाबा के पास कोई ऐसी जड़ी बूंंटी है जो कोविड का सौ फीसदी सफल इलाज कर सकती है और वैक्सिन से भी अधिक प्रभावी है, तो अवश्य बताएं । बाबा रामदेव को देश को बताना होगा कि कोविड के कितने गंभीर रोगियों को उन्होंने उस दवा से स्वस्थ क्या है, और यदि उनकी बात में जरा भी सच्चाई है तो बंद करो यह सरकारी कोविड अस्पताल उठा कर फेंक दो यह वेंटिलेटर, बाइपैप और ऑक्सीजन सिलेंडर आग लगा दो रेमदेसीविर, कोविडशील्ड और स्टेरॉडज को ।आईएमए के अध्यक्ष डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि मैं बाबा रामदेव से नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री स्वास्थ्य मंत्री और आईसीएमआर से पूछना चाहता हूं कि जब हमारे पास रामदेव जैसा अद्भुत चिकित्सक और कोरोनिल जैसी अद्भुत दवाई थी, तो क्यों इस देश की गरीब जनता को उन चोर लुटेरे मॉर्डन मेडिसन के डॉक्टर के हवाले किया गया । सरकार के सामने तो आयुर्वेद और एलोपैथ दोनों के विकल्प थे, फिर सरकार ने एलोपैथी को ही कॉविड युद्ध के लिए क्यों चुना ? उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि विश्व को कोविड के कहर से अभी मुक्ति नहीं मिली है, अभी माइक्रोसिस का कहर चरम पर है । क्यों न इसी वक्त कोविड और म्यूकर के इलाज की कमान बाबा को सौंप दी जाए । इस देश पर आपका इससे बड़ा एहसान दूसरा नहीं हो सकता, या फिर इसका मुंह कम से कम मॉर्डन मेडिसिन के लिए सिल दीजिए, आपका उपकार कभी नहीं भूलेंगे । प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व अध्यक्ष डॉ ए के सिरोही, प्रदेश सचिव डॉ. अजय खन्ना, डॉ जे एस नरुला, डा. आलोक सेनवाल, डा. डीसी पंत, डा. संजय उप्रेती, डा. नक्षत्र अग्रवाल, डा. शशि उप्रेती, डा. रुपा हंसपाल आदि मौजूद रहे ।
Deepali Sharma
सम्पादक
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