December 23, 2024

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संत निरंकारी अध्यात्मिक स्थल समालखा ग्राउंड में क्रिकेट टूर्नामेंट का हुआ शुभारंभ

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सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल 21वे क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा ग्राउंड में किया गया। इस वर्ष क्रिकेट टूर्नामेंट का मुख्य विषय स्थिर मन, सहज जीवन है। क्रिकेट टूर्नामेंट 2 अप्रैल से 25 अप्रैल तक चलेगा। इस प्रतियोगिता में देश के दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर-प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड ,महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश इत्यादि राज्यों से आए हुए युवाओं ने पंजीकरण कराया है। जिनमें से 48 टीमें प्रतियोगिता के लिए चयनित हुई हैं।

क्रिकेट टूर्नामेंट में सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों की कॉवि जांच भी कराई गई है। क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ बाबा हरदेव सिंह द्वारा बाबा गुरबचन सिंह की स्मृति में किया गया। बाबा गुरबचन सिंह ने युवाओं की ऊर्जा को नया आयाम देने के लिए उन्हें सदैव ही खेलों के लिए प्रेरित किया, ताकि उनकी ऊर्जा को उपयुक्त दिशा देकर देश एवं समाज का सुंदर निर्माण तथा समुचित विकास किया जा सके। काशीपुर निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा बताया गया कि संत निरंकारी अध्यात्मिक स्थल समालखा ग्राउंंड में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के अवसर पर संत निरंकारी मंडल के पदाधिकारी केंद्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी सम्मिलित हुए और भैया गोविंद सिंह, प्रधान संत निरंकारी मंडल ने क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ ध्वजारोहण कर किया ।

सुखदेव सिंह चेयरमैन केंद्र योजना एवं सलाहकार बोर्ड ने शांति प्रतीक के रूप में गुब्बारे आकाश में छोड़े। साथ ही इन खेलों का उद्देश्य एकाग्रता और सामुदायिक सामंजस्य की भावना को बढ़ाना एवं शारीरिक व मानसिक रूप में युवाओं को स्वस्थ बनाना है। जिससे कि सभी स्वस्थ रहें और सत्संग, सेवा एवं सिमरन में सजगता के साथ अपना और अधिक योगदान दे पाएं। यही मिशन का प्रयास भी है। इस टूर्नामेंट में प्रतिभागियों एवं उनके सहयोगियों के लिए उचित प्रबंध व्यवस्था भी की गई है ।

जैसे डिस्पेंसरी, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा, जलपान, प्याऊ, सुरक्षा एवं पार्किंग इत्यादि। इन खेलों का मुख्य उद्देश्य है कि सभी पृष्ठभूमि और क्षमताओं से आए हुए लोगों को एकजुट करके व्यवहारिक एवं सत्कार रूप में विश्व बंधुत्व के संदेश को संसार में स्थापित किया जा सके।