उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की प्रदेश सचिव व वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री अलका पाल ने चमोली त्रासदी पर सरकार पर सवाल उठाते हुए आपदा राहत एवं बचाव कार्य मे सरकार को पूरी तरह फेल करार देते हुए कहा कि वर्ष- 2013 की आपदा से सबक लेकर सरकारी मशीनरी आपदा स्थल पर समय पर ना पहुंचने के कारण राहत- बचाव कार्य में बाधा आई,जो सरकार की नाकामी को दर्शाता है। पीसीसी सचिव अलका पाल ने कहा कि अफसोस की बात है कि बचाव दलों के पास एनटीपीसी प्रोजेक्ट का लेआउट प्लान तक नहीं था। उन्होंने कहा कि ग्लेशियरों के व्यवहार की निगरानी और पावर सेफ्टी ऑडिट जरूरी है जबकि उत्तराखंड की सरकार ऐसा नहीं कर रही हैं। राहत-बचाव कार्य में राज्य सरकार ने घोर लापरवाही की है। साफ जाहिर होता है कि चमोली आपदा त्रासदी में उत्तराखंड की सरकार पूरी तरीके से फेल साबित हुई। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री अलका पाल ने कहा कि आयुष्मान योजना से और अधिक अस्पतालों को जोड़ने की आवश्यकता है, जिससे राज्य से बाहर रह रहे आश्रितों के लिए रेफरल की बाध्यता खत्म की जा सके। उन्होंने कहा कि कई बार देखने में आया है आयुष्मान से संबंध प्राइवेट अस्पताल कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड को महत्व नहीं दे रहे हैं। जैसे ही अस्पताल प्रबंधन को गोल्डन कार्ड होने की बात पता चलती है, अस्पताल प्रबंधन कर्मचारियों को टरकाने का काम करता है। उत्तराखंड सरकार की कथनी और करनी का अंतर गोल्डन कार्ड धारकों को प्राइवेट अस्पतालों द्वारा महत्त्व ना दिए जाने पर साफ दिखाई दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में वर्ष -2022 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का परचम लहराएगा।
Deepali Sharma
सम्पादक
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