May 18, 2024

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आइआइटी रोपड़ के निदेशक बनकर किया राजीव आहूजा ने क्षेत्र का नाम रोशन।

काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र के लिए उपलब्धि बनकर उभरे प्रोफेसर राजीव आहूजा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आइआइटी रोपड़ (पंजाब) का नया निदेशक नियुक्त किया है। प्रोफेसर आहूजा इसी वर्ष मार्च माह से बतौर निदेशक आइआइटी रोपड़ में अपना नया पदभार संभालेंगे। वह वहां निवर्तमान प्रभारी प्रोफेसर सरित के. दास से यह कार्यभार ग्रहण करेंगे।

मूलतः हरिद्वार के ज्वालापुर के रहने वाले राजीव आहूजा वर्ष 1992 में स्वीडन चले गए थे जहां वह स्वीडन की उपशाला यूनिवर्सिटी में भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग में प्रोफ़ेसर हैं। वर्ष 1994 में उनका विवाह काशीपुर की रहने वाली स्नेहा के साथ हुआ था। शादी के बाद स्नेहा भी उनके साथ स्वीडन चली गईं थीं। राजीव ने अपने यहां तक के सफर में बताया कि पीएचडी और मास्टर डिग्री आइआइटी रुड़की से की है। इसके बाद उन्होंने उपशाला यूनिवर्सिटी स्वीडन में पोस्ट डाक्टोरल के रूप में प्रवेश लिया और 2007 में उपशाला यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बने।

प्रोफेसर आहूजा भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं। उन्हें स्वीडन में 50 वैज्ञानिकों और दुनिया के शीर्ष 500 वैज्ञानिकों में अप्लाइड फिजिक्स क्षेत्र में स्थान दिया गया है। उन्होंने वैज्ञानिक पत्रिकाओं में 950 से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें स्कॉटहोम के रायल स्वीडिश एकेडमी आफ साइंसेज में वलमार्क पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। यह पुरस्कार स्वीडन के राजा द्वारा हर साल युवा वैज्ञानिकों को दिया जाता है। उन्हें आइआइटी इंदौर में शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के प्रोत्साहन के लिए योजना में शामिल किया गया। एमएचआरडी के ग्लोबल इनीशिएटिव आफ एकेडमिक नेटवर्क का पुरस्कार आइआइटी इंदौर और पुणे विश्वविद्यालय में दिया गया था।

प्रोफेसर आहूजा की पत्नी स्नेह ने भी पीएचडी इम्यूनोलाजी केजीएमसी, लखनऊ से हासिल की है। उन्होंने बताया कि इस पद के लिए ऑनलाइन फार्म स्वीडन से भरा इसके बाद सारी प्रक्रिया पूरी कर शुरुआती 50 प्रतिभागियों में स्थान बनाया उसके बाद छंटनी के बाद बचे टॉप 20 और उसके बाद टॉप 3 में उनका नाम प्रथम स्थान पर रह। उन्होंने बताया कि परिवार में पत्नी स्नेहा के अलावा उनकी दो बेटियां आकांक्षा और ईशा हैं जिनका जन्म स्वीसन में ही हुआ है। वर्ष 2004 में उनका परिवार भारत आ गया। उनकी दोनों बेटियां इन दिनों एमबीबीएस की ट्रेनिंग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके अनुभव का लाभ आगामी समय में आईआईटी रोपड़ के छात्र छात्राओं को जरूर मिलेगा। और उनका लक्ष्य है कि आईआईटी रोपड़ को देश में एक अच्छा मुकाम हासिल करवा सकें।