May 20, 2024

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कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक कृषक समन्वयक गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन।


काशीपुर के कृषि विज्ञान केंद्र में आज कृषि विज्ञान केंद्र एवं नाबार्ड बैंक के द्वारा वैज्ञानिक कृषक समन्वयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। गोष्ठी में क्षेत्र के किसानों के साथ कृषि उद्योग को बढ़ावा देने पर चर्चा की गयी।

बाजपुर रोड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित नाबार्ड और कृषकों की गोष्टी में कृषि से संबंधित उद्योगों पर चर्चा के दौरान क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा किसानों और स्वयं सहायता समूहों से संबंधित महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर डॉ. ज्ञानेंद्र मनि ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस दौरान मुख्य अतिथि का शाल ओढाकर स्वागत किया गया एवं प्रतीक चिन्ह भी प्रदान किया गया। गोष्ठी में वक्ताओं ने कोरोना के प्रकोप के चलते लॉकडाउन के दौरान स्वयं सहायता समूहों के वर्चुअल मार्केटिंग के साथ साथ छोटे किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।

इस दौरान नाबार्ड के सहयोग से संचालित स्वयं सहायता समूहों तथा एनआरएलएम योजना के तहत ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किये गए। इस दौरान वक्ताओं के द्वारा कृषकों को देश एवं प्रदेश में संचालित कृषि सुधार की जानकारी से अवगत कराया गया। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर डॉ ज्ञानेंद्र मनी ने छोटी जोत के किसानों की समस्याओं के निस्तारण करते हुए नाबार्ड के द्वारा पहले बनाये गए साढ़े 4 हजार कृषि उत्पादन समूहों को बढ़ाकर 10 हजार समूह बनाने की भारत सरकार की घोषणा के मद्देनजर नाबार्ड की भूमिका को विस्तार से समझाते हुए कहा कि नाबार्ड इन समूहों के पॉलिसी इनपुट सरकार को देगा। उन्होंने बताया कि यह समूह उन किसानों के लिए बहुत उनके उत्पादन के लिए एक बड़ा माध्यम साबित होंगे जो किसान अब तक अपने उत्पादों को लेकर बाजार तक नहीं पहुंच पाते थे तथा अपनी उत्पादों को सस्ते दामों पर बेचने पर मजबूर होते थे। समूह की मदद से किसान आढतियों और बिचौलियों से दूर हो जाएंगे इससे बड़ा फायदा किसानों को यह होगा कि वह खुद निर्णय कर सकेंगे कि वह क्या उत्पाद पैदा करें जिससे कि समूह के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा उन्हें आमदनी हो सके।