December 23, 2024

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जानिए सुंदरकाण्ड का नाम सुंदरकाण्ड क्यों रखा गया?

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हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थें और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी ! त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थें ! पहला सुबैल पर्वत, जहां कें मैदान में युद्ध हुआ था !

दुसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों कें महल बसें हुए थें ! और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका नीर्मित थी ! इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी !

इस काण्ड की यहीं सबसें प्रमुख घटना थी , इसलिए इसका नाम सुंदरकाण्ड रखा गया है !

❣️शुभ अवसरों पर ही सुंदरकाण्ड का पाठ क्यों?

शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस कें सुंदरकाणड का पाठ किया जाता हैं ! शुभ कार्यों की शुरूआत सें पहलें सुंदरकाण्ड का पाठ करनें का विशेष महत्व माना गया है !

जबकि किसी व्यक्ति कें जीवन में ज्यादा परेशानीयाँ हो , कोई काम नहीं बन पा रहा हैं, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो , सुंदरकाण्ड कें पाठ सें शुभ फल प्राप्त होने लग जाते है, कई ज्योतिषी या संत भी विपरित परिस्थितियों में सुंदरकाण्ड करनें की सलाह देते हैं !

❣️जानिए सुंदरकाण्ड का पाठ विषेश रूप सें क्यों किया जाता हैं ?

माना जाता हैं कि सुंदरकाण्ड कें पाठ सें हनुमानजी प्रशन्न होतें है !

सुंदरकाण्ड कें पाठ में बजरंगबली की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती हैं !

जो लोग नियमित रूप सें सुंदरकाण्ड का पाठ करतें हैं , उनके सभी दुख दुर हो जातें हैं , इस काण्ड में हनुमानजी नें अपनी बुद्धि और बल सें सीता की खोज की हैं !

इसी वजह सें सुंदरकाण्ड को हनुमानजी की सफलता के लिए याद किया जाता हैं !

❣️सुंदरकाण्ड सें मिलता हैं मनोवैज्ञानिक लाभ?

वास्तव में श्रीरामचरितमानस कें सुंदरकाण्ड की कथा सबसे अलग हैं , संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्रीराम कें गुणों और उनके पुरूषार्थ को दर्शाती हैं , सुंदरकाण्ड ऐक मात्र ऐसा अध्याय हैं जो श्रीराम कें भक्त हनुमान की विजय का काण्ड हैं !

मनोवैज्ञानिक नजरिए सें देखा जाए तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला काण्ड हैं , सुंदरकाण्ड कें पाठ सें व्यक्ति को मानसिक शक्ति प्राप्त होती हैं , किसी भी कार्य को पुर्ण करनें कें लिए आत्मविश्वास मिलता हैं !

❣️सुंदरकाण्ड सें मिलता है धार्मिक लाभ?

सुंदरकाण्ड कें लाम सें मिलता हैं धार्मिक लाभ हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पुर्ण करनें वालीं मानी गई हैं , बजरंगबली बहुत जल्दी प्रशन्न होने वालें देवता हैं , शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के कई उपाय बताएं गए हैं।

इन्हीं उपायों में सें ऐक उपाय सुंदरकाण्ड का पाठ करना हैं , सुंदरकाण्ड कें पाठ सें हनुमानजी कें साथ ही श्रीराम की भी विषेश कृपा प्राप्त होती हैं !

किसी भी प्रकार की परेशानी हो सुंदरकाण्ड कें पाठ सें दुर हो जाती हैं , यह ऐक श्रेष्ठ और सरल उपाय है , इसी वजह सें काफी लोग सुंदरकाण्ड का पाठ नियमित रूप सें करते हैं , हनुमानजी जो कि वानर थें , वे समुद्र को लांघकर लंका पहुंच गए वहां सीता की खोज की , लंका को जलाया सीता का संदेश लेकर श्रीराम के पास लौट आए।

यह ऐक भक्त की जीत का काण्ड हैं , जो अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है , सुंदरकाण्ड में जीवन की सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र भी दिए गए हैं।

इसलिए सम्पूर्ण रामायण में सुंदरकाण्ड को सबसें श्रेष्ठ माना जाता हैं , क्योंकि यह व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाता हैं , इसी वजह सें सुंदरकाण्ड का पाठ विषेश रूप सें किया जाता है।