November 11, 2024

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राधाष्टमी के मौके पर मीराबाई और कृष्ण के प्रेम का किया गया प्रदर्शन, आज होगा इस लीला का प्रदर्शन।

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ख़बर प्रवाह (NEWS FLOW) 12 सितम्बर, 2024

काशीपुर में गंगेबाबा मंदिर में बरसाने से आये श्री राधा कृष्ण लीला संस्थान के कलाकारों द्वारा गणपति महोत्सव के दौरान राधाष्टमी के अवसर पर किये जा रहे रासलीला के प्रदर्शन के दौरान भगवान कृष्ण के प्रति मीराबाई के अटूट प्रेम की लीला को दर्शाया गया कि किस तरह मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम में दीवानी हो गई और अपनी सुधबुध खो बैठीं तथा अनेक यातनाएं सहते हुए यहां तक कि मीराबाई को जहर तक पीना पड़ा जो उन्होंने भगवान श्री कृष्ण का प्रसाद समझ कर पी लिया और अंत में भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में न पाकर प्रभु रूप में पा लिया। इस दौरान राधा रानी के रूप में सजी वर्तिका भारद्वाज ने सभी का मन मोह लिया।

वहीं आज भक्त प्रह्लाद की लीला का प्रदर्शन किया जाएगा। लीला के दौरान दर्शाया जाएगा कि किस तरह असुर कुल में एक अद्भुत, प्रह्लाद नामक बालक का जन्म हुआ था। उसका पिता, असुर राज हिरण्यकश्यप तथा मां कयाधु थी। वह हिरण्यकश्यप और कयाधु के चार पुत्रों में सबसे बड़ा था। देवताओं से वरदान प्राप्त करके हिरण्यकश्यप बहुत ही निरंकुश हो गया था। उसका आदेश था, कि उसके राज्य में कोई विष्णु की पूजा नही करेगा। परंतु प्रह्लाद विष्णु भक्त था और ईश्वर में उसकी अटूट आस्था थी। इस पर क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने उसे मृत्यु दंड दिया। हिरण्यकश्यप की बहन, होलिका, जिस को आग से न मरने का वरदान था, प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई, परंतु ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद को कुछ न हुआ और वह स्वयं भस्म हो गई। इस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाया जाता है। नाना प्रकार की यातनाएं सहने के बाद भी जब प्रहलाद ने प्रभु का नाम नही छोड़ा तो हिरण्यकश्यप ने खम्भा गर्म कराया जोकि आग से एकदम लाल हो गया उस खम्भे मे बांध के भक्त प्रह्लाद को मारना चाह रहा था तभी उस खम्भे को फाड़कर भगवान विष्णु नरसिंह का रूप लेकर निकले और उस दुष्ट का विनाश किया और प्रह्लाद को भक्ति का वरदान दिया, बरसाना से पधारे कलाकारों द्वारा बहुत ही सुन्दर प्रदर्शन स्वामी नंदकिशोर मिश्रा के कुशल निर्देशन में सभी भक्त लीला का दर्शन कर भाव विभोर हो गये।