ख़बर प्रवाह (NEWS FLOW) 05 सितम्बर, 2024
आगामी 30 मार्च 2025 से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्रि के अवसर पर कुमाऊं के सुप्रसिद्ध मेले में शुमार चैती मेले के आगाज से ठीक छः माह पूर्व काशीपुर में मां बाल सुंदरी देवी के नगर मंदिर से ध्वजा यात्रा निकाली गई जोकि मां बाल सुंदरी देवी के नगर मंदिर से शुरू होकर मां के चैती मंदिर पर पहुंची और परंपरागत धार्मिक अनुष्ठान के बाद देर सायं वापस नगर मंदिर आकर समाप्त हुई। इस दौरान मां के प्रतीक रूप में नारियल को लेकर सहायक प्रधान पंडा मनोज अग्निहोत्री पालकी में विराजमान थे।
आपको बताते चलें कि प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्रि के प्रथम नवरात्रि से काशीपुर के मां बाल सुंदरी मंदिर में चैती मेले का आयोजन होता आ रहा है। सहायक प्रधान पंडा मनोज अग्निहोत्री ने बताया कि चैत्र मास के प्रथम नवरात्र से ठीक 6 माह पूर्व भाद्रपद मास की द्वितीय (दोयज) तिथि को काशीपुर में मां बाल सुंदरी देवी के नगर मंदिर से चैती मंदिर तक ध्वजा यात्रा निकाली जाती है। इसी क्रम में इस वर्ष की मां बाल सुंदरी देवी की ध्वज यात्रा काशीपुर में आज निकाली गई। आज दोपहर बाद निकाली गई ध्वजा यात्रा मोहल्ला पक्काकोट स्थित नगर मंदिर से शुरू होकर गंगेबाबा चौक, मोहल्ला किला चौक, मुख्य बाजार, महाराणा प्रताप चौक, द्रोणासागर टीले के पीछे से होते हुए मां बाल सुंदरी देवी के चैती मंदिर पहुंचा जहां धार्मिक अनुष्ठान के बाद मां का डोला वापस उसी रास्ते से होता हुआ महाराणा प्रताप चौक, मुख्य बाजार पहुंचा जहां से डॉक्टर लाइन, मुल्तानी मोड, कटोराताल, छावनी, उदयराज फील्ड के पास स्थित बूढें बाबू की (दोयज) मेले से नागनाथ मंदिर से होते हुए वापस नगर मंदिर पहुंचा। इस दौरान मां की ध्वजा यात्रा में गाजे बाजे के साथ डीजे चल रहा था। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पंडा मनोज अग्निहोत्री ने बताया कि ध्वजा यात्रा वर्ष में दो बार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि तथा फाल्गुन मास की द्वितीय तिथि को निकाली जाती है। ध्वजा यात्रा शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक जाती है तथा यह समय सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम के मिलने का है ऐसे में संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है। ऐसी मान्यता है कि ध्वजा पताका फहराने के बाद नगर निवासी संक्रामक रोग से सुरक्षित हो जाते हैं। साथ ही बताया कि आगामी 30 मार्च से चैत्र मास के प्रथम नवरात्र पर मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में ध्वज पताका फहरने के साथ ही चैती मेले का शुभारंभ हो जाएगा और चैत्र मास के सप्तमी और अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि में मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए प्रस्थान करेगा। उन्होंने 6 माह और 1 माह पूर्व निकाली जाने वाली ध्वजा यात्रा के महत्व को बारीकी से बताया।
Deepali Sharma
सम्पादक
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