December 22, 2024

Khabar Pravah

Khabar Bina Ruke Sabse Pehle

मनुष्य का जीवन परोपकार के प्रति समर्पित हो- सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

Spread the love

ख़बर प्रवाह (24 अप्रैल, 2024)

परोपकार का जीवंत स्वरूप दर्शाता – मानव एकता दिवस

निरंकार प्रभु ने हमें यह जो मानव जीवन दिया है इसका प्रत्येक पल मानवता के प्रति समर्पित हो सके; परोपकार का ऐसा सुंदर भाव जब हमारे हृदय में उत्पन्न हो जाता है तब वास्तविक रूप में समूची मानवता हमें अपनी प्रतीत होने लगती है। फिर सबके भले की कामना ही हमारे जीवन का लक्ष्य बन जाता है।“ उक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर समस्त श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। मानव एकता दिवस का पावन अवसर बाबा गुरबचन सिंह जी की मानवता के प्रति की गयी उनकी सच्ची सेवाओ को समर्पित है जिससे निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त प्रेरणा लेकर अपने जीवन का कल्याण कर रहा है।

संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आज संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 207 स्थानों पर विशाल रूप में रक्तदान शिविर की श्रंखलाओं का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50,000 युनिट रक्त संग्रहित किया गया।


साथ ही ब्रांच काशीपुर में 113 यूनिट रक्त स्वेच्छिक रुप से एकत्र किया गया। श्रद्धालुओं में एक विशेष उत्साह देखने को मिल रहा था। काशीपुर के साथ-साथ जसपुर बाजपुर गढ़ीनेगी से भी कुछ श्रद्धालुओं ने रक्तदान में भाग लिया। काशीपुर सरकारी अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ सीएमओ, ब्लड बैंक इंचार्ज,की देखरेख में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। दिल्ली से आए हुए संत दलबीर सिंह जी एवं सीएमओ के द्वारा संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया गया।

पूज्य दलबीर सिंह जी के द्वारा बाबा गुरबचन सिंह जी एवं चाचा प्रताप सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया। स्थानीय मुखी राजेंद्र अरोड़ा द्वारा आए हुए संतों का एवं स्वास्थ्य टीम का भी हृदय से धन्यवाद किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 6 अगस्त को भी इसी प्रकार से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। स्थानीय लोगों द्वारा भी इस समाज सेवी कार्य की सराहना की गई। साथ ही दिल्ली के ग्राउंड नं0 2 निरंकारी चौक, बुराड़ी में आयोजित रक्तदान शिविर में सभी रक्तदाताओं ने अत्यंत उत्साहपूर्वक स्वैच्छिक भाव से लगभग 15,00 युनिट रक्तदान किया। इस अवसर पर निरंकारी राजपिता रमित जी ने भी रक्तदान किया, जो मिशन के भक्तों एवं युवा सेवादारों के लिए निसंदेह प्रेरणा का स्त्रोत रहा। इन सभी रक्तदान शिविरों में रक्तदान से पूर्व की जाने वाली जाँच एवं स्वच्छता की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया गया। इसके साथ ही रक्तदाताओं हेतु उत्तम रूप में जलपान की भी समुचित व्यवस्था की गई।

मानव एकता दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर में जन समूह को सम्बोधित करते हुए सतगुरु माता जी ने फरमाया कि सेवा का भाव सदैव निष्काम ही रहा है। ऐसी भावना जब हमारे मन में बस जाती है तब हमारा जीवन वास्तव में मानवता के कल्याणार्थ समर्पित हो जाता है। ऐसा ही परोपकारी जीवन बाबा गुरबचन सिंह जी की दिव्य सिखलाईयों का आधार रहा है।

निष्काम सेवा के सुंदर भाव का जिक्र करते हुए सतगुरू माता जी ने समझाया कि जब हमारे मन में निष्काम सेवा का भाव उत्पन्न हो जाता है तब यह संसार और भी अधिक सुंदर लगने लगता है क्योंकि तब हमारी सेवा भावना साकार एवं कर्म रूप में समस्त मानव परिवार के लिए वरदान बन जाती है।

रक्तदान, मानव जीवन को बचाने हेतु की जाने वाली एक ऐसी सर्वोपरि सेवा है जिसमें परोपकार की निःस्वार्थ भावना निहित है। यह समस्त जानकारी स्थानीय निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा दी गई।