December 23, 2024

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काशीपुर में अब से कुछ घण्टों के बाद रवाना होगा माँ बाल सुंदरी देवी का भव्य डोला, श्रद्धालुओं में खासा उत्साह।

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ख़बर प्रवाह (16 अप्रैल, 2024)

काशीपुर में मां बाल सुंदरी देवी का डोला आज मध्यरात्रि को चैती मंदिर के लिए रवाना होगा। कल सुबह चैती मंदिर पहुंचने के बाद तड़के मां बाल सुंदरी देवी पहले पहर की आरती स्वीकार करेंगी। आज मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। जहां श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में माथा टेक कर मन्नत मांगी। श्रद्धालुओं का मानना है कि मां बाल सुंदरी सभी मुरादें पूरी करती हैं।

आपको बता दें कि हर साल बाल सुंदरी देवी प्रांगण में चैती मेले का आयोजन किया जाता है। जहां सप्तमी और अष्टमी की रात को मां का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर के रवाना होता है। इस बार भी मां के डोले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। डोला रवाना होने से पहले आज दोपहर भगवती मां बाल सुंदरी को पंडा विकास अग्निहोत्री के आवास पर सार्वजनिक दर्शनों के लिए फूलों एवं पारंपरिक वस्त्रों में सजा कर रख दिया गया। जहां भक्तों ने मां बाल सुंदरी की देवी के साक्षात दर्शन किए। पंडा विकास अग्निहोत्री ने बताया कि आज रात 12 बजे से घट स्थापित करके पूर्ण विधि विधान के साथ सांकेतिक बलि के साथ हवन पूजन किया जाएगा। जिसके बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा में मां बाल सुंदरी देवी का डोला सुबह 3 से 3:30 बजे के बीच के नगर मंदिर पंडा आवास से चैती मंदिर के लिए प्रस्थान करेगा। जहां देवी मां बाल सुंदरी सुबह तड़के 4 बजे पहले पहर की आरती स्वीकार करेंगी। जिसके बाद श्रद्धालु अपनी आराध्य और कुलदेवी बाल सुंदरी देवी के दर्शन कर सकेंगे। गौर हो कि काशीपुर में देवी मां बाल सुंदरी के नाम से विराजमान हैं। गौर से देखने पर मां के चेहरे पर अबोध बालिका के समान भोलापन और तेज नजर आता है। जबकि, मां के दाएं हाथ में कमल है, जो कि मां सरस्वती का प्रतीक है। सिर पर मुकुट है, जो महालक्ष्मी का प्रतीक है। वहीं, बाएं हाथ में प्याला है, जो महाकाली का प्रतीक माना जाता है। सात्विक, तामसी और राजसी तीनों ही विशेषताएं मां के इस रूप में है। इसलिए इनका नाम बाल सुंदरी माना जाता है। मां ने बाल रूप में ही तीनों शक्तियां प्राप्त की है। चैती मंदिर में मां तीनों ही पद्धतियों के पूजन स्वीकार करती हैं।