May 8, 2024

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चैती मेला 2024 के आयोजन को लेकर टेंडर प्रक्रिया संपन्न, देखिये वीडियो।

खबर प्रवाह (06 मार्च 2024)

काशीपुर में आगामी 09 अप्रैल से 05 मई तक आयोजित होने वाले उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेलों में शुमार काशीपुर के चैती मेले के लिए तैयारियो की शुरुआत करते हुए मेले के लिए टेंडर की प्रक्रिया सम्पन्न की गई। इस दौरान सभी ठेके कुल 3 करोड़ 67 लाख 44 हजार 403 रुपये के छूटे जबकि पिछले वर्ष टेंडर प्रक्रिया में 3 करोड़ 46 लाख 79 हजार 255 रुपये के टेंडर हुए थे। टेंडर प्रकिया पूरी होने के साथ ही मंदिर की रंगाई- पुताई का काम आगामी दिनों में शुरू किया जाना है। मेला आयोजन के निर्णय से व्यापारियों में खुशी की लहर है।

आपको बताते चलें कि आज काशीपुर उप जिलाधिकारी कार्यालय में चैती मेले की विभिन्न निविदाओं को खोला गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार देर शाम काशीपुर उप जिलाधिकारी कार्यालय में उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह की देखरेख में चैती मेला में लगने वाले झूले तमाशे और सर्कस, बिजली व साउंड व्यवस्था, पार्किंग की व्यवस्था और दुकानों की स्थापना तथा तहबाजारी की निविदाएं खोली गई। इस बार सर्वाधिक बोली हिमाचल प्रदेश की प्रिंस ट्रेडिंग कम्पनी के प्रो. रविंद्र सिंह पुत्र सेवा सिंह के द्वारा 1 करोड़ 66 लाख 013 रुपए दुकानों की व्यवस्था के लिए लगाई गई, जिस वजह से दुकानों की व्यवस्था का टेंडर स्वीकृत किया गया। झूले तमाशे व सर्कस की निविदा में सर्वाधिक बोली उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के आयुष एंटरप्राइजेज द्वारा 1 करोड़ 51 लाख 51 हजार 051 रुपये की लगाई गई। पार्किंग हेतु बाजपुर के जगन्नाथपुर के (एटीएस एंटरप्राइजेज) के मोहम्मद फईम की तरफ से सर्वाधिक 16 लाख 60 हजार रुपये की बोली लगाए जाने पर निविदा उनके नाम छूटी। जिसके बाद उनके नाम ठेका दिया गया। तहबाजारी के ठेके के लिए सर्वाधिक बोली हिमाचल प्रदेश के प्रो. मोहम्मद शाकिर की हिमाचल फन फेयर मैसेज के नाम 33 लाख 33 हजार 339 रुपये की छूटी। वहीं विद्युत एवं साउंड की व्यवस्था के लिए केवल दो टेंडर प्राप्त होने पर टेंडर प्रक्रिया दोबारा किए जाने पर सहमति बनी। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए काशीपुर के उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने कहा कि इस बार कुल 5 व्यवस्थाओं के टेंडर किए गए थे। जिनमें से 4 की टेंडर खोल दिए गए जबकि विद्युत एवं साउंड व्यवस्था में मात्र 2 टेंडर मिलने के कारण निविदा को दोबारा करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 3 करोड़ 46 लाख 79 हजार 255 रुपए के टेंडर हुए थे जबकि इस वर्ष 3 करोड़ 67 लाख 44 हजार 403 रुपए के टेंडर किये गए। बीते वर्ष की तुलना में राजस्व में 20 लाख 65 हजार 148 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने कहा कि मेले में सुधार को लेकर एक परामर्श समिति का भी गठन किया गया है जिसके साथ आने वाले दिनों में बैठक की जाएगी और मेले को बेहतर बनाने के लिए परामर्श लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेले में बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध रहेगा। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मेले में अधिक से अधिक मेला क्षेत्र को कवर करते हुए बीते वर्षो की तुलना में सीसीटीवी लगाए जाएंगे साथ ही कोशिश यह की जा रही है कि मेले का कोई भी को न ऐसा न छूटे जहां सीसीटीवी कैमरा न हो।