May 18, 2024

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काशीपुर में लापता युवक की संदिग्ध मौत के बाद कार्यवाही को लेकर फूटा गुस्सा, मृतक के परिजनों ने ऐसा क्या किया जिससे पुलिस के फूले हाथ पांव, देखना न भूलें वीडियो।

ख़बर प्रवाह (05 जुलाई, 2023)

काशीपुर में बीते 2 दिन पूर्व रात्रि में संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए युवक का आज सुबह मिले शव के बाद कार्यवाही को लेकर देर शाम मृतक के आक्रोशित परिजनों मृतक के शव को प्रतापपुर पुलिस चौकी के सामने रखकर आक्रोश प्रकट किया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीओ काशीपुर के द्वारा मुकदमा दर्ज करने के आश्वासन के बाद मृतक के आक्रोशित परिजन शांत हुए वहीं मामले में मृतक के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।

आपको बताते चलें कि काशीपुर में रामनगर रोड स्थित प्रतापपुर का रहने वाला 36 वर्षीय युवक प्रदीप थापा पुत्र स्वर्गीय भगत सिंह थापा 2 दिन पूर्व 3 जुलाई की रात 8:00 बजे अपने दोस्त अमरजीत सिंह के साथ जाने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसके बाद आज सुबह 10:00 बजे के करीब प्रदीप को ढूंढने के दौरान उन्हें प्रदीप का शव प्रतापपुर पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर नाले में तैरता मिला। प्रदीप के परिजनों का आरोप था कि जिस जगह प्रदीप का शव नाले में तैरता मिला वहीं बीते रोज ढूंढने के दौरान उस स्थान पर कुछ भी नहीं था। मृतक प्रदीप के परिजनों ने प्रदीप की हत्या कर उसके शव को नाले में फेंका गया है। उन्होंने अमरजीत पर प्रदीप की हत्या का शक जताया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रदीप की मौत का कारण पानी में डूबने से आने के बाद मृतक प्रदीप के परिजनों और आसपास के क्षुब्ध लोगों का गुस्सा पुलिस के खिलाफ फूट पड़ा और मामले में नामजद मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर प्रतापपुर पुलिस चौकी पर शव रखकर घेराव करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया। स्थानीय लोगों के चौकी घेराव की सूचना पर सीओ वंदना वर्मा व कोतवाल मनोज रतूडी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया।

अधिकारियों के आश्वासन के बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए और शव को बमुश्किल कर ले गए। परिजनों का कहना था कि अगर प्रतापपुर चौकी पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो शायद आज प्रदीप थापा जिंदा होता। लेकिन उसकी मौत कहें या फिर पुलिस की घोर लापरवाही। जिसके चलते आज प्रदीप इस दुनिया में नहीं है। वह पिछले कई साल से रामनगर रोड स्थित प्रतापपुर धनौरी पट्टी में घर के सामने आटाे पार्ट्स की दुकान कर रखा था। वह तीन भाई हैं, जिसमें सबसे बड़ा राकेश थापा, बीच का प्रदीप थापा और छोटा संजय थापा। इनमें से बड़े भाई और छोटे भाई की शादी हो चुकी है। प्रदीप के माता-पिता नहीं हैं। प्रदीप की चाची गीता उसकी हाथ पीला कराने के लिए लड़की देख रही थी। प्रदीप की मौत के मामले मेें प्रदीप के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। संजय बहादुर पुत्र स्व0 भगत सिंह निवासी ग्राम धनौरी पट्टी प्रतापपुर ने कोतवाली को दी तहरीर में बताया कि 3 जुलाई को रात 8 बजे अमरजीत सिंह उर्फ सोनू पुत्र मलकीत सिंह निवासी ग्रम धनौरी पट्टी प्रतापपुर ने प्रदीप को अपने प्लेटिना मोटरसाइकिल से बैठाकर रामनगर किसी व्यक्ति से काम के बहाने अपने साथ साथ ले गया था। जिसके पास करीब 50 हजार रुपये थे। उसका भाई रात भर घर नही आया। पीड़ित ने जब अमरजीत सिंह उर्फ सोनू के घर पर जा कर अपने भाई के बारे में पूछताछ की और 4 जुलाई को 2:30 बजे पुलिस चौकी प्रतापपुर को सूचना दी। बताया कि उसका भाई 3 जुलाई से ही वापस नहीं आया है। पुलिस द्वारा अमरजीत सिंह उर्फ सोनू को बुलाया गया और पूछताछ की गयी। पूछताछ में अमरजीत सिंह उर्फ सोनू ने बताया कि उसने प्रदीप थापा को गौशाला मोड़ कबाड़ी की दुकान के सामने उतार दिया था। वह और गांव वालों ने मिलकर कबाड़ी दुकान के आसपास देखा, लेकिन भाई का कोई पता नही चला। उसके बाद पीड़ित ने कोतवाली काशीपुर में गुमशुदगी की तहरीर दी। आज रोड किनारे प्रदीप का शव मिला। जिसकी सूचना पुलिस को सूचना दी गयी। पुलिस मौके पर आयी मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आरोप लगाया कि अमरजीत सिंह उर्फ सोनू ने पूर्व में भी प्रदीप से उधार पैसे ले रखे हैं। पैसो को लेकर पूर्व में भी कई बार गाली गलौच हुई थी। पीड़ित ने बताया कि उसके भाई की हत्या अमरजीत सिंह उर्फ सोनू पुत्र मलकीत सिंह ने ही की है। मामले में अमरजीत सिंह उर्फ सोनू व एक दो अन्य व्यक्ति हत्या में शामिल हैं। कोतवाली पुलिस ने तहरीर के आधार पर अमरजीत सिंह उर्फ सोनू पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।