खबर प्रवाह (31 मार्च 2023)
काशीपुर में बीते दो दिन पूर्व मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं की लगातार भारी भीड़ चैती मंदिर तथा खोखरा मंदिर में उमड़ पड़ी है। इस दौरान काशीपुर के स्थानीय तथा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से आये हजारों की संख्या में श्रद्धालु खोखरा देवी मंदिर तथा मां बाल सुंदरी देवी के मंदिर में पहुंच कर प्रसाद चढ़ाकर मन्नत मांग रहे हैं। भारी बारिश के बीच श्रद्धालुओं की आस्था देखी नहीं नजर आ रही है। बरसात के बावजूद भी श्रद्धालु मां के भवन में प्रसाद चढ़ाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
आपको बताते चलें कि काशीपुर के मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के प्रांगण में लगने वाला चैती मेला उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेलों में शुमार है। मेले की तैयारियों को लेकर एक माह पूर्व से ही प्रशासन सतर्क हो जाता है। इस मेले में जहां काशीपुर के साथ-साथ अन्य राज्यों के दूरदराज क्षेत्रों से श्रद्धालु मां के दरबार में प्रसाद चढ़ाने आते हैं। इस बार खोखरा मन्दिर तथा मां बाल सुंदरी देवी मंदिर दोनों मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। मां बाल सुंदरी देवी का डोला मंदिर भवन में पहुंचने के बाद से 2 दिनों के भीतर भारी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने के लिए उमड़ रहे हैं। वही इस बीच मौसम खराब होने पर श्रद्धालुओं की मां के प्रति आस्था कम नहीं हो रही है और वह बरसात में भी पूजा अर्चना करने के अपनी लाइनों में मां का जयकारा लगाते हुए खड़े हैं। त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्यरात्रि में मां का डोला वापस आने तक यह संख्या लाखों में पहुंचने की संभावना है। दिल्ली से आये श्रद्धालु संजय के मुताबिक उनसे पहले उनके पूर्वज चैती मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आते रहे हैं। कल के मुताबिक इस बार मां बाल सुंदरी माता की मेहर है गर्मी के साथ-साथ बरसात का भी मौसम है इसलिए ना ही गर्मी और ना ही सर्दी का एहसास हो रहा है।
उनके मुताबिक ऐसा हमेशा लगा रहेगा क्योंकि यह मां भगवती का दरबार है। वहीं दिल्ली के ही रहने वाले नारायणदास के मुताबिक जय मां भगवती की कृपा है जो भक्तों की भीड़ के रूप में देखी जा रही है। महिला श्रद्धालु ऋतु के मुताबिक श्रद्धालुओं की लाइन बहुत लंबी लगी हुई है लेकिन प्रशासन की अच्छी व्यवस्था होने के कारण लाइने लगातार चलायमान हैं वही मौसम अच्छा होने के कारण गर्मी का एहसास नहीं हो रहा है। कमोबेश यही हाल खोखरा देवी मंदिर पर भी रहा। वहां पर भी नवविवाहित जोड़ो की उनके परिवार की जात लगवाने आये और मन्नत मांगी। जसपुर से आई कौशल्या देवी ने बताया कि उनके परिवार के द्वारा काफी वर्षों से खोखरा देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाया जाता है। वही शादी होने के बाद तथा पहला बेटा होने पर खोखरा देवी मंदिर जात लगाई जाती है। मंदिर में काफी लंबी लाइन लगी हुई है जिसकी वजह से काफी देर में उनका नंबर आया है वही उनकी पुत्रवधू अंजलि ने भी बताया कि उनका मायका दिल्ली का है तथा उनकी शादी जसपुर में हुई है और वह यहां अपने पति तथा परिवार के साथ जात लगाने आई हैं। खोखरा मंदिर के पुजारी पुलकित गोस्वामी के मुताबिक श्रद्धालुओं को मां के अच्छे तरीके से दर्शन हो रहे हैं।
काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन का भी आभार जताया कि प्रशासन के द्वारा पुलिसकर्मी एवं वॉलिंटियर्स तैनात किए गए हैं जो कि यहां की व्यवस्था पूरी तरह से बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि इतनी अच्छी व्यवस्था होने के बावजूद भी यहां चेन स्नैचर्स और जेब कतरे भी सक्रिय हैं। उन्होंने भवन में आने वाले श्रद्धालुओं और खास तौर पर महिला श्रद्धालुओं से अपील की कि वह किसी भी तरह के आभूषण मंदिर परिसर में पहनकर ना आएं साथ ही श्रद्धालु अपना पर्स बेहतर रहेगा कि अगर ना लेकर आएं। वहीं मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के मुख्य पंडा के तौर पर नियुक्त पंडा विकास अग्निहोत्री के मुताबिक मां बाला सुंदरी देवी के दर्शनों के लिए भारी संख्या में भीड़ हो रही है। वही श्रद्धालुओं के सुलभता के लिए पुलिस प्रशासन के द्वारा भी खास इंतजाम किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मां के प्रति भक्तों की विशेष आस्था और भक्ति है जोकि भक्तों को जाड़ा गर्मी बरसात किसी भी मौसम में नहीं डिगा सकती है। उन्होंने कहा कि मां भगवती बाल सुंदरी देवी की कृपा से भक्तों को बरसात और धूप दोनों ही मौसम का आनंद मिल रहा है।
माँ खोखरा देवी मंदिर में श्रद्धालु सबसे पहले माथा टेककर प्रसाद चढ़ाते हैं उसके बाद श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं। इसके पीछे का इतिहास मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के सहायक प्रधान पंडा के तौर पर नियुक्त पंडा मनोज कुमार अग्निहोत्री बताते हैं कि यह क्षेत्रीय मान्यता है जिस वजह से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर, रामपुर और मुरादाबाद के श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी से पहले उनकी छोटी बहन मां खोखरा देवी के मंदिर पर प्रसाद चढ़ाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन क्षेत्रों के लोगों की अपनी अलग क्षेत्रीय मान्यता है। वहीं इससे इतर बुक्सा समाज के श्रद्धालु खोखरा देवी मंदिर पर ना जाकर सीधे अपने कुलदेवी मां बाल सुंदरी देवी के मंदिर पर आकर प्रसाद चढ़ाते हैं।
उन्होंने इस विषय पर शास्त्रों का तर्क देते हुए कहा कि शास्त्रों का नियम है कि देवताओं से पहले उनके गणों की पूजा होती है। गणों के अध्यक्ष गणेश भगवान हैं इसलिए जिस प्रकार कहीं भी किसी भी पूजा में पहले पूजा गणेश भगवान की होती है। उसी प्रकार श्रद्धालु मां की शक्ति के रूप में खोखरा देवी मंदिर जाता है और फिर उसके बाद मां के दर्शन करते है। इसीलिए सबसे पहले इनकी पूजा का विधान है। खोखरा मंदिर पर पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने के बाद श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में पूजा करने और माथा टेकने जाते हैं। इस दौरान बच्चे होने तथा शादी होने के बाद वर-वधू जोड़े से यहां खोखरा मंदिर पर तथा मां बाल सुंदरी देवी मंदिर पूजा करने आते हैं। इस दौरान दोनों ही मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम रहे।
Deepali Sharma
सम्पादक
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