December 23, 2024

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गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति और प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक के बीच विवाद गहराया, समिति ने किया प्रधानाचार्य कौशिक को कार्यमुक्त, प्रधानाचार्य कौशिक ने रखा अपना पक्ष।

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खबर प्रवाह (01 फरवरी,2023)

काशीपुर के पं. गोविन्द बल्लभ पंत शिक्षा समिति और पं. गोविन्द बल्लभ पंत इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर के बीच बीते दिनों से चल रहा विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद के बीच अब कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को उनके पद से कार्यमुक्त कर दिया है। पंडित गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति ने प्रवक्ता प्रमोद कुमार को कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त करने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी आज पंडित गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ. एसके शर्मा ने प्रेस वार्ता आयोजित कर दी।

पं गोविन्द बल्लभ पंत शिक्षा समिति के प्रबंधक डाॅ. एसके शर्मा ने प्रेस वार्ता आयोजित कर उक्त जानकारी दी। वहीं उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक ने स्वयं सेवक संघ के नाम से पीटीए जैसी समिति का गठन कर अपनी मर्जी के अध्यापकों की भर्ती कर ली। उक्त समिति के अध्यक्ष राजकुमार अरोरा नाम के व्यक्ति हैं जो ई-रिक्शा चलाते हैं और कौशिक द्वारा बनाई गई समिति द्वारा बनाये गये कागजों/चैकों पर हस्ताक्षर करते हैं। शर्मा ने बताया कि राजकुमार अरोरा पढ़े-लिखे नहीं हैं केवल अपन हस्ताक्षर कर लेते हैं। एसके शर्मा ने बताया कि प्रधानाचार्य ने अपने द्वारा बनाई गई स्वयं सेवक संघ नाम की समिति की जानकारी न तो प्रबंध समिति को दी और न ही उसके द्वारा रखे गये अध्यापकों के बारे में कोई जानकारी समिति को दी। जब समिति ने इसकी जानकारी करनी चाही तो प्रधानाचार्य कौशिक ने कहा कि वे इसकी जानकारी समिति को देने के लिए बाध्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवक संघ के माध्यम से विद्यालय में रखे गये अध्यापकों की सेलरी समिति द्वारा निर्गत होती है लेकिन प्रधानाचार्य उनको रखे जाने की प्रक्रिया, किसको रखा गया है, उसकी शैक्षिक योग्यता क्या है आदि की जानकारी समिति को नहीं दे रहे थे। वहीं, प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को उनके पद से कार्यमुक्त करने की जानकारी देते हुए शर्मा ने बताया कि विद्यालय से गायब हुए दस्तावेजों के विषय में उनके द्वारा निर्देश देने के बावजूद कौशिक ने एफआईआर दर्ज नहीं करवाई क्योंकि उनमें से कुछ दस्तावेज प्रधानाचार्य के पुत्र से संबंधित हैं जिसका कि विद्यालय में एडमिशन और पास होना संदिग्ध है। वहीं कौशिक को निर्देशित किया गया था कि जब तक इस प्रकरण की जांच चल रही है वे अपने को कार्यमुक्त कर लें। लेकिन उन्होंने समिति के निर्देशों का पालन नहीं किया जिस कारण आज उन्हें उनके पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को कार्यालय तथा विद्यालय की सभी चाबियां काॅलेज में जमा करने के आदेश दिये गये हैं।

वही “खबर प्रवाह” से फोन पर बातचीत करते हुए अजय शंकर कौशिक ने कहा कि समिति के द्वारा मुझे कार्यमुक्त करने से पहले ना तो मेरा कोई मत जाना गया है और ना ही मुझे कोई आरोप पत्र दिया गया है। बिना कोई मेरा मत जाने और ना ही कोई आरोप पत्र दिए बिना मुझे कार्यमुक्त किया जाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एफ आई आर दर्ज कराने के बाद उसका परिणाम आने का इंतजार करना चाहिए था। ऐसी क्या जल्दी थी मुझे हटाने की। या तो यह कोई रिकॉर्ड बदलना चाहते हैं या मुझसे घबरा रहे हैं इसलिए मेरी स्कूल में एंट्री बंद कर दी। स्कूल में अध्यापकों को दबाव में लेकर उनका मानसिक संतुलन बिगाड़ा जा रहा है। एक तरह से उन को कैद करके उनसे स्कूल में पढ़वाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनको पद से हटाए जाने के लिए अपर शिक्षा निदेशक के माध्यम से उनका अप्रूवल लिया जाना चाहिए था जो कि नहीं लिया गया इसलिए प्रमोद कुमार नामक अध्यापक को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाए जाना नियम विरुद्ध है।