December 22, 2024

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सरकारी नौकरी लगाने का लालच देकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले तथा ₹25000 के इनामी अपराधी पूर्व प्रधान को एसटीएफ ने किया चंडीगढ़ से गिरफ्तार।

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ख़बर प्रवाह (05 दिसम्बर, 2022)

उत्तराखंड की एसटीएफ टीम ने बीते 15 दिनों में आधा दर्जन से अधिक कुख्यात इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी में एक और सफलता हासिल करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल के द्वारा ईनामी अपराधियों के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम के तहत 25 हजार रूपये के इनामी शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की टीम ने यह सफलता चण्डीगढ़ जाकर हासिल की है। उत्तराखंड एसटीएफ की टीम के द्वारा गिरफ्तार शातिर यह ठग पिछले 05 सालों से पुलिस को छकाता रहा है। इसकी गिरफ्तारी हेतु शुरुआत में 5 हजार रूपये की घोषणा एसएसपी हरिद्वार द्वारा की गयी थी, परन्तु यह ठग इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के हर हथकण्डे अपनाता रहता था, जिसके कारण अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका था। जिस कारण से पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार द्वारा इस अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु 25 हजार रूपये के इनाम की घोषणा की गयी थी। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम अमर सिंह पुत्र सुखबीर सिंह निवासी ग्राम कुंजा बहादुरपुर हरिद्वार का रहने वाला है और कुंजा बहादुरपुर का पूर्व ग्राम प्रधान था और अपनी ग्राम प्रधानी के दौरान ही उसके द्वारा अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल कर कई लोगों को राजकीय इंटर कॉलेज में क्लर्क पद पर अथवा बीएचईएल हरिद्वार में नौकरी लगाने के नाम पर झांसा देकर कई लोगों से लाखों रुपए प्राप्त करके एक दिन अचानक जनपद हरिद्वार से गायब हो गया और अपने पूरे परिवार से संपर्क भी खत्म कर लिया। जिस पर कोतवाली रूड़की में अमर सिंह के विरुद्ध वर्ष 2018 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से अमर सिंह लगातार फरार चल रहा था।

पुलिस अधीक्षक एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि हमारी एस.टी.एफ. की एक टीम कोतवाली रूड़की से वर्ष 2018 से ही धोखाधड़ी के एक मामले में अमर सिंह को पकड़ने के लिये पिछले काफी प्रयास कर रही थी, परन्तु वह काफी प्रयास के बाद भी अब तक गिरप्तार नहीं हो सका था, क्योंकि वो हर माह में अपना नया ठिकाना बदल लेता था। इस अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक हरिद्वार द्वारा 25 हजार रूपये की ईनाम की घोषणा की गयी थी। इस बार एसएसपी आयुष अग्रवाल द्वारा अभियुक्त अमर सिंह के लगातार ठिकाने बदलने के पैटर्न का विश्लेषण कर एसटीएफ टीम को एक नयी रणनीति के तहत गिरफ्तारी हेतु पुनः निर्देशित किया गया। जिसके तहत एसटीएफ की टीम द्वारा इस शातिर अपराधी को चण्डीगढ़ के होटल “गोल्डन जन्नत” में दबिश देकर गिरप्तारी किया गया। इस दौरान पता चला कि अमर सिंह होटल में अपना वेश बदलकर रखता था,ताकि कोई उसे पहचान न सके,और हर महीने राजस्थान के नागौर जिले में स्थित ओशो ध्यान सेंटर में जाया करता था। अमर सिंह को गिरफ्तार करने वाली टीम में उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम विष्ट, कॉन्स्टेबल, प्रमोद, देवेन्द्र मंमगाई, रवि पन्त और दीपक चन्दोला शामिल रहे।