May 8, 2024

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सन 2022 में आने वाली तकलीफों दिक्कतों से सत्संग के माध्यम से अवगत कराते हुए इससे बचने के उपाय बताए बाबा उमाकांत ने।

वीडियो साभार- जय गुरुदेव यूट्यूब चैनल

रिपोर्ट- खबर प्रवाह जितेंद्र प्रजापति (मध्य प्रदेश)

नववर्ष 2022 के अवसर पर आए हुए व ऑनलाइन सुनने वाले भक्तों को वर्ष 2022 के बारे में दिए व यूट्यूब चैनल पर प्रसारित संदेश में बाबा उमाकांत ने बताया कि

जननी सम जानहि पर नारी, धन पराव विष ते विष भारी


पहले दूसरे के धन को जहर की तरह से मानते थे, दूसरे की मां-बहन को अपनी मां-बहन की तरह समझते थे। लेकिन अब ये भावनाएं लोगों की बहुत आगे खराब होंगी। नीयत खराब होगी। आपको बचना है। 2022 में आए दिन आपको सुनने को मिलेगा कि बलात्कार, अपहरण, गैंगरेप हो गया। तनिक देर में आदमी का मन मचल जाएगा और परिणाम उसका आपको सुनने को मिलेगा। क्या हुआ? पीट दिया लोगों ने, हाथ-पैर तोड़ दिया, जेल चले गए, अपराध किया तो फांसी की सजा हुई। इससे प्रेमियों आपको बचना है। संयम नियम का पालन नहीं करोगे तो बीमारियां और प्राकृतिक आपदाएं भी बहुत आएंगे। बाढ़ सूखा से त्रस्त होंगे लोग। भूकंप के भी झटके लगेंगे। यह सब कर्मों का फल लोगों को मिलेगा। कर्म का फल सबको भोगना पड़ता है इसलिए कर्म खराब अपने मत होने देना। लोगों को समझाते रहना। कुल मिलाकर के 2022 का समय अच्छा नहीं है।

देश विदेशों में सुख शांति सुकून के संकेत नहीं दिख रहे हैं

2022 में प्राकृतिक आपदाएं भी दिखाई पड़ रही हैं। तकलीफें, बीमारियां, लड़ाई-झगड़ा, हिंसा-हत्या, मन मुटाव भी दिखाई पड़ रहा है। यह धार्मिक जो लोग हैं, राजनेता है इनमें भी मनमुटाव दिखेगा। आतंकवाद समेत जितने भी वाद हैं सब बढ़ेंगे। सीमाओं में भी चौकसी करनी पड़ेगी। विदेशों में भी सुकून शांति के संकेत नहीं दिख रहे हैं। लड़ाइयां मारकाट खून खराबा यह सब दिख रहा है। यह कोई भविष्यवाणी नहीं है, अगर लोग सभलेंगे तो कमी भी इसमें होती जाएगी। अगर नहीं सभलेंगें तो इससे भी ज्यादा तकलीफ बढ़ जाएंगी। यह समझो आपको इसमें बहुत संभल कर के चलने की जरूरत है।

संयम नियम का पालन नहीं करोगे तो बीमारियां और प्राकृतिक आपदाएं बाढ़ सूखा भूकंप से त्रस्त होंगे लोग

संयम नियम का पालन नहीं करोगे तो बीमारियां और प्राकृतिक आपदाएं भी बहुत आएंगे बाढ़ सूखा से त्रस्त होंगे लोग भूकंप के भी झटके लगेंगे यह सब कर्मों का फल लोगों को मिलेगा कर्म का फल सबको भोगना पड़ता है इसलिए कर्म खराब अपने मत होने देना लोगों को समझाते रहना कुल मिलाकर के 2022 का समय अच्छा नहीं है?

ज्यादातर अपराध क्यों होते हैं

भविष्यवाणी तो नहीं करना है मुझे लेकिन समझाना है जो आगे होने वाला है। बुरा कर्म लोग करने वाले हैं। उससे आप बचो। यह सब ज्यादा अपराध क्यों होता है? शराब, नशे की- गोलियों, जड़ी-बूटियों, पदार्थ पीने की वजह से ऐसा होता है। आदमी को बस वही धुन सवार रहता है। काम की वासना जग गई अगर तो फिर वह मां बहन बहू को भी नहीं देखता। वह तो जैसे जानवर नहीं देखते हैं कि मेरी बहन है मां है कि कौन है, ऐसी ही प्रवर्ती उनमें आ जाती है।

आदमी में पशुवत प्रवर्ति क्यों आती है

क्यों आती है? बदन में खून क्यों गर्म होता है? ये अंडा खाने से। माताएं मासिक धर्म होती हैं। खराब खून इकट्ठा होकर बच्चा बनता है। गर्म ही खून निकलता है मासिक धर्म में। गर्मी बदन में पैदा हो जाती है और बच्चियां नहा डालती है तो रोग हो जाता है। इसलिए मना किया जाता है बच्चियों कि 5 दिन मासिक धर्म के समय में नहाओ मत। वही जब इकट्ठा होता है मुर्गियों का तो अंडा बन जाता है। जब अंडा खाएंगे, गर्मी आएगी तब पहचान हो पाएगी? बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी। अति सर्वत्र वर्जिते कहा गया, अति सभी जगह वर्जित है। तो एक बार अपराध जब हो जाता है तो अपराधी मन, अपराधी प्रवृत्ति बन जाती है। इसलिए साथ अच्छे का ही करना चाहिए।

बचने का क्या तरीका है

मांसाहारी की संगत करने से भजन में बाधा आ जाती है। यदि गुरु के वचन हमेशा याद रखोगे, गुरु मस्तक पर सवार रखोगे तो आप नहीं फ़सोगे। चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग। चंदन ठंडा होता है। यह जहरीले सांप में जहर की वजह से बहुत गर्मी होती है। सांप उसमें लटके रहते हुए भी चंदन अपनी शीतलता को नहीं छोड़ता है। ऐसे ही आप अगर गुरु को सामने रखोगे, गुरु को समर्पित अपने को किए रहोगे, अपने मन को खास रूप से समर्पित करोगे तो आपके मन को उधर जाने से गुरु रोकेंगे, आप बचे रहोगे।

गुरु खुश कब होंगे?

जब गुरु के आदेश का पालन, सुमिरन ध्यान भजन जो गुरु बताते हैं उसको जब करते रहोगे, गुरु के वचन का पालन, गुरु के वचन को याद रखोगे, तन मन से सेवा का भाव रखोगे तब तो बचत हो सकती है वरना बहुत मुश्किल है।

किताबों में भी लिखा है- कलयुग जाएगा, सतयुग आएगा

यह दिन प्रतिदिन खराब समय आने वाला है। कलयुग जाने का समय हो रहा है और सतयुग आने को तैयार खड़ा है। लिंग पुराण के 40वें अध्याय में, सूरसागर में, जगन्नाथ दास पुरिया किताब में लिखा है, गुरु महाराज भी बराबर कहते रहे- कलयुग में कलयुग जाएगा, कलयुग में सतयुग आएगा। आना तो है ही।

वृथा न जाइ देव ऋषि बानी।
संत वचन पलटे नहीं, चाहे पलट जाए ब्रह्मांड।

यह कभी गलत नहीं हो सकता। कलयुग जब जाएगा तभी सतयुग आएगा। एक कहावत है दीपक को जब बुझना होता है तो बहुत तेज जलता है। यह कलयुग का धीरे-धीरे समय जाने का नजदीक आ रहा है तो यह तो तेजी दिखाएगा।

आपको क्या करना है

तो समझो खराब समय आने वाला है इसलिए आपको शाकाहारी नशा मुक्त और अपराधों से दूर रहना है। सेवा भाव, परोपकार भाव आपको रखना है। सत्यरूपी धर्म का पालन करना है। हिंसा-हत्या से दूर रहना है। हो सके किसी की मदद कर दो। बुरा मत चाहो। आप भजन भाव भक्ति की ही बातें दुनिया से करो। जब यह सत्य है कोई भी चीज आपके अपने काम आने वाली नहीं है, यह क्षणिक है, थोड़े सुख के लिए ही है तो इसमें आप क्यों फंसते हो? इससे आप दूर रहो।